क्या 'कांवड़ यात्रा' को बदनाम करने वालों पर प्रशासन ने कार्रवाई की? : सीएम धामी

सारांश
Key Takeaways
- कांवड़ यात्रा का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक है।
- प्रशासन ने 'ऑपरेशन कालनेमि' शुरू किया है।
- कोई अप्रिय घटना नहीं घटी है।
- मुख्यमंत्री ने विकास और राष्ट्रवाद पर जोर दिया।
- आपदा प्रबंधन के लिए सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं।
देहरादून, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा को बदनाम करने वाले तत्वों के खिलाफ प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक दिनों में कुछ लोगों ने इस पवित्र यात्रा को बदनाम करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन की तत्परता और त्वरित कार्रवाई के कारण कोई भी अप्रिय घटना नहीं घटी।
मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "शुरुआत में कुछ लोग कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन प्रशासन की सजगता और त्वरित कार्रवाई के चलते कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई। ऐसे तत्वों से निपटने के लिए हमने पहले से ही 'ऑपरेशन कालनेमि' की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य ऐसे पवित्र समारोहों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और इसे और भी सख्ती से चलाया जाएगा। हम इसे और प्रभावी बनाने के लिए अतिरिक्त दिशानिर्देश भी स्थापित करेंगे।"
सीएम धामी ने बताया, "किसी भी तरह की गड़बड़ी करने वाले लोगों पर नज़र रखी जा रही है। कांवड़ यात्रा एक पवित्र, धार्मिक और पौराणिक यात्रा है। जो लोग इसे बदनाम करना चाहते हैं, उनके मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे।"
उत्तराखंड के पंचायत चुनाव पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "उत्तराखंड के लोगों ने हमेशा विकास और राष्ट्रवाद को प्राथमिकता दी है। हर चुनाव में उन्होंने हमें काम करने के लिए आशीर्वाद दिया है। जिस तरह से उन्होंने भाजपा को लोकसभा और विधानसभा में समर्थन दिया है, उसी तरह वे पंचायत चुनाव में भी हमें आशीर्वाद देंगे।"
उन्होंने आपदा प्रबंधन की बैठक के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण आपातकालीन परिचालन केंद्र में जाकर अतिवृष्टि के प्रभाव की समीक्षा की। सभी जिलाधिकारियों और संबंधित अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि भारी बारिश के दौरान चारधाम यात्रा के रास्ते पर यातायात प्रभावित होने पर श्रद्धालुओं के ठहराव स्थलों पर भोजन, पानी और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध हो।"
उन्होंने कहा, "नदियों के बढ़ते जलस्तर और लैंडस्लाइड के खतरे को देखते हुए संवेदनशील क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए। इसके साथ ही, बारिश के कारण बंद हुई सड़कों को जल्द ही खोला जाए।"