क्या सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 'जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार' कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा की?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम की विस्तृत समीक्षा की।
- शिविरों का आयोजन 17 दिसंबर से शुरू होगा।
- जनप्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- लाभार्थियों की संतुष्टि को प्राथमिकता दी जाएगी।
- प्रचार-प्रसार किया जाएगा ताकि सभी लोग सूचित रहें।
देहरादून, १७ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में 'जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार' कार्यक्रम की तैयारियों की गहन समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि राज्य में 'प्रशासन गांव की ओर अभियान' के अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि १७ दिसंबर से अगले ४५ दिनों तक राज्य की सभी न्याय पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन करना चाहिए। इन शिविरों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर आम जनता से आवेदन प्राप्त किए जाएंगे और योग्य व्यक्तियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाते हुए उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा।
उन्होंने निर्देश दिया कि हर न्याय पंचायत स्तर पर कार्यक्रम का संचालन किया जाए और बड़ी न्याय पंचायतों में आवश्यकता अनुसार एक से अधिक शिविर लगाए जाएं। शिविरों में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं की सही जानकारी उपलब्ध कराई जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी योग्य व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिविरों के बाद निकटवर्ती गांवों में अधिकारियों को जाकर पात्र लाभार्थियों से आवेदन भरवाने चाहिए तथा योजनाओं से वंचित लोगों की पहचान कर कमियों को दूर करना चाहिए। शिविरों का आयोजन करने से पहले व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और न्याय पंचायत के सभी निवासियों को कम से कम ३-४ दिन पहले सूचना दी जाए।
उन्होंने कहा कि हर सप्ताह आयोजित होने वाले किसी एक शिविर में जिलाधिकारी की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित की जाए, जबकि अन्य शिविरों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहें। नामित विभागों के अधिकारी शिविरों में रहकर जनसमस्याओं का समाधान करें।
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों की शिविरों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। संगठनात्मक नेतृत्व और प्रतिनिधि नेतृत्व जनसमस्याओं के समाधान एवं योजनाओं के प्रचार-प्रसार में अग्रणी भूमिका निभाएं।
उन्होंने निर्देश दिए कि हर कार्यक्रम का विधिवत पंजीकरण किया जाए, लाभार्थियों की संतोषजनकता को प्राथमिकता दी जाए और कार्यक्रमों की साप्ताहिक प्रगति आख्या मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय और सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध कराई जाए। कार्यक्रमों की सफलता और किए गए कार्यों की जानकारी मीडिया के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाई जाए।