क्या सरदार पटेल अपनी कर्मठता एवं दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण लौह पुरुष के नाम से जाने गए? - सीएम विष्णु देव साय

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क्या सरदार पटेल अपनी कर्मठता एवं दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण लौह पुरुष के नाम से जाने गए? - सीएम विष्णु देव साय

सारांश

रायपुर में राष्ट्रीय एकता दिवस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लौह पुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने 'एकता दौड़' में भाग लिया और सरदार पटेल के अद्वितीय योगदान को याद किया। जानिए इस महान नेता के बारे में और उनकी सोच के आधार पर 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का महत्व।

Key Takeaways

  • सरदार पटेल का अदम्य साहस और निष्ठा उनके कार्यों में स्पष्ट है।
  • ‘एकता दौड़’ ने जन जागरूकता का एक महत्वपूर्ण माध्यम साबित किया।
  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विविधता में एकता का प्रतीक है।
  • सरदार पटेल का योगदान हमें एकजुट रहने की प्रेरणा देता है।
  • राष्ट्रीय एकता दिवस हमें एकता के महत्व को याद दिलाता है।

रायपुर, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को रायपुर के देवेंद्र नगर में स्थित लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने स्कूली बच्चों, जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों के साथ रायपुर के शास्त्री चौक से शारदा चौक तक आयोजित 'एकता दौड़' में भाग लेते हुए 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का संदेश फैलाया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरदार पटेल केवल एक स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं थे, बल्कि वे एक ऐसे युगपुरुष थे जिन्होंने अदम्य साहस और दृढ़ निष्ठा के साथ देश की रियासतों का एकीकरण किया और अखंड भारत की नींव रखी। उनकी कर्मठता और दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही उन्हें लौह पुरुष के नाम से जाना जाता है। उनकी स्मृति में स्थापित विशाल प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विविधता में एकता का संदेश देती है।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा, अनिश्चित काल तक, केवल एक ही परिवार का गुणगान किया है। सरदार वल्लभभाई पटेल ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और स्वतंत्रता के बाद देश को एकजुट करने में अद्वितीय योगदान दिया। हालांकि, उन्हें उनके योगदान के लिए उचित सम्मान नहीं मिला। 2014 के बाद ही, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, उनके सम्मान में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया गया।

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मां भारती के सपूत, राष्ट्रीय एकता के आधार स्तंभ, आधुनिक भारत के शिल्पकार, लौह पुरुष भारत रत्न श्रद्धेय सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन और आप सभी को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं! 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत, सुरक्षित भारत' का आधार सरदार पटेल की सोच और प्रयास हैं। उनके ओजस्वी और राष्ट्रवादी विचार हम सभी को देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।

Point of View

इसे याद करना आवश्यक है कि हम सभी को एकजुट होकर अपने देश को आगे बढ़ाना है।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

सरदार पटेल को लौह पुरुष क्यों कहा जाता है?
सरदार पटेल को उनकी कर्मठता और दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण लौह पुरुष कहा जाता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस कब मनाया जाता है?
राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो सरदार पटेल की जयंती है।
सरदार पटेल ने देश की एकता में क्या योगदान दिया?
सरदार पटेल ने विभिन्न रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत की नींव रखी।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी क्या है?
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल की स्मृति में स्थापित एक विशाल प्रतिमा है जो एकता का संदेश देती है।
सरदार पटेल का मुख्य संदेश क्या था?
सरदार पटेल का मुख्य संदेश 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' था, जो देश की एकता और अखंडता को समर्पित है।