क्या सीएम योगी ने एआई पर जोर देकर युवाओं को संस्कारों से जोड़ने का सुझाव दिया?
सारांश
Key Takeaways
- युवाओं को समस्याओं पर नहीं, समाधानों पर ध्यान देना चाहिए।
- सीएम योगी ने संस्कारों और टेक्नोलॉजी के महत्व को बताया।
- प्रयासों से सफलता संभव है।
- बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का महत्व।
- इमर्जिंग टेक्नोलॉजी में युवाओं की भूमिका।
लखनऊ, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में युवाओं को ‘शिक्षक’ के रूप में मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रयासों से सभी चीजें संभव हैं। जीवन में सफलता के दो ही रास्ते हैं। यदि हम समाधान की तरफ बढ़ते हैं तो सफलता प्राप्त होगी, लेकिन यदि हम समस्या को बार-बार गिनाते रहेंगे तो सफल नहीं हो सकते। इसलिए, समस्या की बजाय समाधान पर ध्यान केंद्रित करें।
योगी ने कहा कि जब सभी लोग मिलकर सामूहिक प्रयास करेंगे, तो समाधान मिलेगा। जीवन में हमेशा नई सीखने का अवसर रहता है। विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसरों की तलाश करनी चाहिए। कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं है, बल्कि हमें योग्य योजनाकारों की आवश्यकता है। संस्थान, बॉस, आचार्य, अभिभावक और व्यक्ति भावी पीढ़ी के लिए योजनाकार बन सकते हैं। धैर्य और संतुलन बनाए रखने से सफलता मिलेगी।
सीएम योगी ने दीक्षांत समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास और विश्वविद्यालय के रचनाकार पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास गुप्ता को याद किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों और खेलों की सराहना की। यह दीक्षांत समारोह भारत की परिवर्तनशील पीढ़ी का एक उदाहरण है। जो विद्यार्थी उपाधि प्राप्त कर रहे हैं, वे भविष्य में विज़नरी लीडरशिप में देश को नई गति प्रदान करेंगे।
योगी ने भारत की प्राचीन गुरुकुल प्रणाली और उसके परिवर्तित रूप दीक्षांत समारोह की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि हम जो करते थे, उसका अनुसरण दुनिया करती थी। जब हमने दुनिया का अनुसरण करना शुरू किया, तो हमारी ताकत कम होती गई। उन्होंने बाबू बनारसी दास के संघर्षों और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान की चर्चा की।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में हम जिन कार्ययोजनाओं को बढ़ा रहे हैं, उनमें भाव इन्हीं विभूतियों के विचार छिपे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने नई ऊँचाइयों को छुआ है। खेलों को बढ़ावा देने के लिए 2014 में 'खेलो इंडिया' अभियान शुरू किया गया। आज खेल भी शैक्षणिक संस्थानों का हिस्सा बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीबीडी एकेडमी को नए तकनीकी हब के रूप में स्थापित करने का प्रयास चल रहा है। इमर्जिंग टेक्नोलॉजी को अपनाना समय की आवश्यकता है और हमें इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने रोबोटिक्स में भारत की उपलब्धियों की चर्चा की और कहा कि हमें युवाओं, किसानों और श्रमिकों की उपयोगिता पर ध्यान देना चाहिए।
सीएम ने सफाईकर्मियों की समस्याओं का जिक्र किया और रोबोटिक्स के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन लगाया है। ट्रैफिक सेंस और सिविक सेंस की उपयोगिता पर भी बल दिया।
सीएम ने जी-20 समिट के दौरान गमले गायब होने का किस्सा सुनाया। उन्होंने संस्थानों को सलाह दी कि युवाओं को टेक्नोलॉजी के साथ-साथ संस्कारों से भी जोड़ा जाए। पीएम मोदी का विकसित भारत का विजन विकसित यूपी से साकार होगा।
योगी ने कहा कि 2017 में उनकी सरकार बनने के बाद यूपी की स्थिति में सुधार आया है। जनसहभागिता के बिना कोई योजना सफल नहीं हो सकती। यूपी आज हर योजना में टॉप-थ्री में है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार के कारण निवेश की बाढ़ आई है।
उन्होंने कहा कि यूपी ने एआई, डाटा सेंटर और इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में खुद को स्थापित किया है। विश्वविद्यालयों से अपील की कि वे शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स और डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ करें। टेक्नोलॉजी नए अवसर देती है।
दीक्षांत समारोह में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कुलाधिपति अलका दास, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।