क्या लालू यादव और राबड़ी देवी अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को इंसाफ दिला पाएंगे?
सारांश
क्या लालू यादव और राबड़ी देवी अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को इंसाफ दिलाने में सफल होंगे? भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है। जानें पूरा मामला और इसकी राजनीतिक संदर्भ।
Key Takeaways
- राजद प्रमुख को अपनी बेटी का समर्थन करना चाहिए।
- राजनीतिक परिवारों को अपने कृत्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
- बदसलूकी के मामलों में जागरूकता बढ़ानी चाहिए।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में रोहिणी आचार्य प्रकरण के बाद भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने सोमवार को कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने का प्रयास करना चाहिए।
भाजपा नेता ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "जब लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी अपनी ही बेटी को बिहार में इंसाफ और अधिकार नहीं दिला पा रहे हैं, तो जनता कैसे विश्वास कर सकती है कि आप लोग जनता की मदद कर पाएंगे? सबसे पहले अपनी बेटी को न्याय दिलाएं और अब तो चुप्पी तोड़नी चाहिए। जनता को भी इस मामले में जानकारी होनी चाहिए।"
दरअसल, चुनाव परिणाम के बाद लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने साथ हुए बदसलूकी की जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "मुझे गालियों के साथ कहा गया कि मैं गंदी हूं, करोड़ों रुपए लिए, तब अपने पिता को अपनी गंदी किडनी लगवाई।"
उन्होंने यह भी कहा कि सभी शादीशुदा बेटियों और बहनों से मैं कहना चाहूंगी कि अगर मायके में कोई बेटा-भाई हो तो अपने भगवान जैसे पिता को बचाने का प्रयास न करें। अपने भाई से कहें कि वह अपनी या अपने किसी हरियाणवी दोस्त की किडनी लगवा दे।"
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से ईवीएम में धांधली कर एनडीए को जीतने के आरोप पर गौरव वल्लभ ने कहा कि जो लोग दिल्ली विश्वविद्यालय में भी चुनाव हारते हैं, वे हमेशा झूठे आरोप लगाते हैं। यह दर्शाता है कि वे आगे भी चुनाव हारते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग वंशवाद, परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति कर रहे हैं। इस वजह से वे हर चुनाव में हार रहे हैं। देश के युवाओं और महिलाओं ने इस तरह की राजनीति को पूरी तरह नकार दिया है। इससे इनकी सच्चाई सबके सामने आ गई है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग एसआईआर, ईवीएम और ईसीआई पर आरोप लगाकर अपनी नाकामी छिपाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन छिपने से कुछ नहीं होगा। आपको अब यह स्वीकार करना होगा कि देश की जनता अब आपको स्वीकार नहीं करने वाली है।