क्या केंद्र ने संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया है: सचिन पायलट?

Click to start listening
क्या केंद्र ने संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया है: सचिन पायलट?

सारांश

सचिन पायलट ने केंद्रीय सरकार पर आरोप लगाया कि उसने संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया है, जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों को खतरा है। उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए और कार्यकर्ताओं से सक्रिय रहने का आग्रह किया। क्या यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है?

Key Takeaways

  • लोकतंत्र की मजबूती के लिए संस्थाओं का मजबूत रहना जरूरी है।
  • केंद्र सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं को प्रभावित करने का आरोप।
  • राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूचियों का ऑडिट होना अनियमितताओं का संकेत है।
  • कार्यकर्ताओं को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
  • लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें खुद में बदलाव लाने की आवश्यकता है।

जयपुर, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जिसे लंबे समय से वैश्विक स्तर पर एक मिसाल माना जाता है।

सचिन पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "आप सभी को याद होगा कि कैसे पहले चुनाव आयोग के अधिकारी दूर-दराज के पहाड़ी गांवों, रेगिस्तानी इलाकों और सीमावर्ती क्षेत्रों में पैदल यात्रा करते थे, यहां तक कि केवल एक या दो मतदाताओं के लिए भी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी नागरिक मतदान के अधिकार से वंचित न रहे।"

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब उसकी संस्थाएं मजबूत रहती हैं, लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं को प्रभावित करके लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर किया है।

पायलट टोंक जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की निगरानी के लिए आयोजित कांग्रेस बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कई राज्यों में मतदाता सूचियों का ऑडिट करवाया था, जिसमें कई अनियमितताएं सामने आईं। उन्होंने कहा कि ये गलतियां आकस्मिक नहीं, बल्कि जानबूझकर की गई थीं।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने हाल के संशोधनों के जरिए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया को कमजोर कर दिया है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार में चल रहे चुनावों के दौरान सरकार ने महिलाओं के बैंक खातों में 10,000 रुपए ट्रांसफर किए, जबकि चुनाव आयोग मूक दर्शक बना रहा, जो उनके अनुसार, आयोग की निष्पक्षता में धीरे-धीरे कमी का संकेत है।

पायलट ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में सतर्क और सक्रिय रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए और देश में बदलाव लाने से पहले खुद में बदलाव लाना चाहिए।"

कार्यक्रम के बाद, पायलट ने टोंक में नवनिर्मित गहलोद पुल का निरीक्षण किया।

Point of View

NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

सचिन पायलट ने किस मुद्दे पर बयान दिया?
सचिन पायलट ने केंद्र सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
क्या पायलट ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाया?
हाँ, उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।
पायलट ने कार्यकर्ताओं को क्या सलाह दी?
उन्होंने कार्यकर्ताओं से मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में सक्रिय रहने का आग्रह किया।
Nation Press