क्या उत्तर प्रदेश का चमत्कारी मंदिर शिवलिंग का रंग अपने आप बदलता है?

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क्या उत्तर प्रदेश का चमत्कारी मंदिर शिवलिंग का रंग अपने आप बदलता है?

सारांश

अलीगढ़ का अचलेश्वर महादेव मंदिर अपनी अद्भुत शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है, जो हर 24 घंटे में रंग बदलता है। जानें इसके रहस्य और महत्व।

Key Takeaways

  • अचलेश्वर महादेव मंदिर का शिवलिंग अद्भुत है।
  • यह शिवलिंग हर 24 घंटे में रंग बदलता है।
  • इसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है।
  • यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है।
  • शिवलिंग की स्थापना एक रहस्य से भरी कहानी है।

अलीगढ़, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपनी अनोखी कहानियों और रहस्यमय अनुभवों के लिए प्रसिद्ध हैं। ऐसा ही एक सर्वाधिक प्रसिद्ध और चमत्कारी मंदिर है अचलेश्वर महादेव मंदिर, जो उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर के मध्य स्थित है। यहां स्थापित शिवलिंग साधारण नहीं, बल्कि अद्भुत है।

इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पांडवों के अज्ञातवास के दौरान नकुल और सहदेव ने अचल सरोवर में स्नान किया और भगवान अचलेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना की। यही कारण है कि यह मंदिर भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।

मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण यहां का शिवलिंग है। इसे देखकर हर कोई आश्चर्यचकित रह जाता है, क्योंकि यह हर 24 घंटे में दो या तीन बार अपना रंग बदलता है। कभी यह काले रंग में दिखाई देता है, तो कभी गेरुआ रंग में। वैज्ञानिक अभी तक इस रहस्य को समझ नहीं पाए हैं, लेकिन भक्त इसे भगवान शिव की लीला मानते हैं। इसे देखने का अनुभव दिव्य और अद्भुत माना जाता है।

मान्यता है कि करीब 500 साल पहले सिंधिया राजघराने की महारानी को एक सपना आया। सपने में उन्हें अचल सरोवर के पास जमीन के भीतर दबा हुआ शिवलिंग दिखाई दिया। उन्होंने तुरंत खुदाई करने का आदेश दिया। जब मजदूरों ने खुदाई शुरू की, तो शिवलिंग पर फावड़ा लगते ही खून और दूध की धारा बह निकली। इसे देखकर सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए और इसे भगवान की इच्छा मानकर विधिपूर्वक शिवलिंग की स्थापना की गई।

आज यह मंदिर न केवल अलीगढ़ बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए भी आस्था का केंद्र बन गया है। यहां हर साल हजारों भक्त आते हैं, दर्शन करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। अचलेश्वर महादेव मंदिर की यह अनोखी कहानी और शिवलिंग का रंग बदलना इसे और भी रहस्यमय और आकर्षक बनाता है।

यह मंदिर अपने इतिहास, रहस्यों और चमत्कारी अनुभवों के कारण अलीगढ़ का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां हर भक्त भगवान शिव के प्रति विश्वास और भक्ति का अनुभव करता है।

Point of View

बल्कि यह आस्था, विश्वास और चमत्कार का प्रतीक है। इसके अद्भुत शिवलिंग और इसके पीछे की कहानियाँ भक्तों को आकर्षित करती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम ऐसे स्थलों को समझें और इनके महत्व को पहचानें।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

अचलेश्वर महादेव मंदिर का शिवलिंग क्यों रंग बदलता है?
यह विश्वास किया जाता है कि शिवलिंग का रंग बदलना भगवान शिव की लीला है, जिसका वैज्ञानिक स्पष्टीकरण अभी तक नहीं मिल पाया है।
इस मंदिर का इतिहास क्या है?
यह मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, जब पांडवों ने यहां पूजा-अर्चना की थी।
क्या यह मंदिर केवल अलीगढ़ के लिए महत्वपूर्ण है?
नहीं, यह मंदिर आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए भी आस्था का केंद्र बन गया है।
शिवलिंग की स्थापना कैसे हुई?
500 साल पहले महारानी के सपने के बाद खुदाई में शिवलिंग की स्थापना की गई थी, जब खून और दूध की धारा बह निकली।
क्या यहाँ हर साल भक्त आते हैं?
हां, यहां हर साल हजारों भक्त आते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पूजा करते हैं।
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