क्या गोरक्षपीठ ने परंपरा की परवाह न करके लोक कल्याण में नया अध्याय लिखा?

Click to start listening
क्या गोरक्षपीठ ने परंपरा की परवाह न करके लोक कल्याण में नया अध्याय लिखा?

सारांश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रेटर नोएडा में 'यूपी ट्रेड शो' का निरीक्षण किया। आगामी एयरपोर्ट उद्घाटन में भी भाग लेंगे। उन्होंने परंपरा को तोड़कर एक ट्रेन दुर्घटना में मदद की, जो उनकी मानवीयता और लोक कल्याण को दर्शाता है। जानिए इस घटनाक्रम के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • सीएम योगी ने परंपरा को तोड़कर लोक कल्याण का उदाहरण पेश किया।
  • गोरक्षपीठ सामाजिक समरसता के लिए कार्यरत है।
  • अयोध्या का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा।
  • सीएम योगी का नेतृत्व अयोध्या के कायाकल्प में महत्वपूर्ण है।
  • उद्घाटन के साथ क्षेत्रीय विकास को भी गति मिल रही है।

लखनऊ, 24 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 19 सितंबर को ग्रेटर नोएडा में थे। इस अवसर पर उन्होंने एक्सपोमार्ट जाकर 25 से 29 सितंबर तक आयोजित 'यूपी ट्रेड शो' की तैयारियों का निरीक्षण किया। चंद दिन बाद वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नोएडा में होंगे, जहां एशिया के सबसे बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन होगा।

मार्च 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से सीएम योगी लगभग 20 बार नोएडा जा चुके हैं। यह वही नोएडा है, जिसे तीन दशक तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने अभिशप्त शहर मान लिया था। ऐसा माना जाता था कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा गया, उसे कुर्सी से हाथ धोना पड़ा।

सीएम योगी, जो गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं, ने इस मान्यता को हमेशा चुनौती दी है। उनके गुरु महंत अवेद्यनाथ ने अस्पृश्यता के खिलाफ भोजन करने का उदाहरण पेश किया। इसके बाद, सामाजिक समरसता के लिए पीठ ने सहभोज की परंपरा भी शुरू की।

यह घटना लगभग 11 साल पुरानी है। सितंबर का महीना समाप्त होने को था और शारदीय नवरात्रि मनाई जा रही थी। इस समय गोरक्षपीठ पर विशेष अनुष्ठान होते हैं। परंपरा के अनुसार, पीठाधीश्वर या उनके उत्तराधिकारी मठ की पहली मंजिल से नीचे नहीं उतरते। लेकिन सीएम योगी ने 30 सितंबर 2014 को इस परंपरा को तोड़ दिया।

परंपरा तोड़ने का कारण एक ट्रेन दुर्घटना बनी। गोरखपुर स्थित नंदानगर क्रॉसिंग पर कृषक एक्सप्रेस ने बरौनी एक्सप्रेस से टक्कर मार दी थी। इस हादसे में हजारों यात्री थे, जिनमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल थीं। दुर्घटना के समय मदद के संसाधन कम थे।

लोगों ने चर्चा की कि यदि छोटे महाराज (योगीजी) आ जाते तो प्रभावी मदद मिल जाती। इस बात का उन तक पहुंचना महत्वपूर्ण था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सीएम योगी मठ से नीचे उतरे और दुर्घटनास्थल पर गए।

जानकारी मिलने पर हजारों समर्थक भी वहां पहुंचे और प्रशासन सक्रिय हुआ। कुछ समय में सभी यात्रियों को सुरक्षित रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड पहुंचा दिया गया।

इसके अलावा, अयोध्या के संदर्भ में, सीएम योगी ने बार-बार साबित किया है कि वह अयोध्या के हैं और यहाँ बड़े कार्य किए जा रहे हैं। उनके कार्यकाल में राम मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।

मंदिर निर्माण के साथ-साथ अयोध्या का कायाकल्प भी हो रहा है। आने वाले वर्षों में अयोध्या धार्मिक पर्यटन के लिए एक प्रमुख स्थल बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यही मंशा है, जिस पर वह बार-बार चर्चा करते हैं।

Point of View

NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

सीएम योगी ने परंपरा को क्यों तोड़ा?
सीएम योगी ने एक ट्रेन दुर्घटना में त्वरित मदद प्रदान करने के लिए परंपरा को तोड़ा।
गोरक्षपीठ की मान्यताएँ क्या हैं?
गोरक्षपीठ सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है।
अयोध्या में क्या हो रहा है?
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और विभिन्न विकास परियोजनाएँ चल रही हैं।