क्या जनता दर्शन में सीएम योगी ने किया समस्याओं का समाधान?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री ने आम जनता की समस्याएं सुनने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
- नन्हीं मायरा के स्कूल में एडमिशन का आश्वासन दिया गया।
- सरकार की प्राथमिकता जनता की समस्याओं का समाधान करना है।
- जनता दर्शन कार्यक्रम में ५० से अधिक लोग शामिल हुए।
- सीएम ने अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
लखनऊ, १ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में आम नागरिकों की फरियादें सुनीं। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए ५० से अधिक लोगों से सीएम ने न केवल बातचीत की, बल्कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को तात्कालिक कार्रवाई के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने हर फरियादी के पास स्वयं जाकर उनकी समस्याएं सुनीं और प्रार्थना पत्र अपने हाथों से लिए। उन्होंने आश्वस्त किया कि निश्चिंत होकर घर जाइए, आपकी हर समस्या का समाधान किया जाएगा। जनता की समस्याओं का निपटारा करना और खुशहाल उत्तर प्रदेश बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
जनता दर्शन के दौरान, कानपुर की नन्हीं मायरा अपनी मां के साथ मुख्यमंत्री योगी से मिलने आई। मां ने बच्ची के स्कूल में प्रवेश की गुहार लगाई। जैसे ही सीएम ने मायरा की मां से पूछा कि वे कहाँ से आए हैं और कहाँ एडमिशन कराना है, उन्होंने उत्तर दिया। इसके बाद, मायरा से मुखातिब होकर मुख्यमंत्री ने पूछा कि स्कूल जाओगी, किस क्लास में पढ़ोगी, अभी तक तो स्कूल गई नहीं है, क्या बनोगी? मायरा ने तत्परता से उत्तर दिया, 'डॉक्टर।' सीएम ने अधिकारियों को बच्ची के एडमिशन का निर्देश दिया।
मीडिया से बातचीत में मायरा की मां ने कहा कि सीएम ने हमारे परिवार की बात बहुत अच्छे तरीके से सुनी और एडमिशन का आश्वासन भी दिया।
यह पहली बार नहीं है जब कोई बच्ची अपने एडमिशन को लेकर मुख्यमंत्री से मिली। इससे पहले मुरादाबाद की वाची ने माता-पिता के साथ जून में मुख्यमंत्री से 'जनता दर्शन' में मुलाकात की और एडमिशन की गुहार लगाई। महीनों से बेटी के प्रवेश को लेकर परेशान वाची के माता-पिता जब मुख्यमंत्री के पास पहुंचे, तो तीन घंटे के भीतर ही आरटीई के तहत वाची का मुरादाबाद के प्रतिष्ठित विद्यालय में प्रवेश हो गया।
जुलाई में गोरखपुर के पुर्दिलपुर निवासी पंखुड़ी त्रिपाठी ने भी परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए फीस माफी का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी पढ़ाई नहीं रुकेगी और विद्यालय ने उनकी फीस माफ कर दी।