क्या कांग्रेस नेता पीएल पूनिया ने अमित शाह की बातें निराधार बताया?
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस नेता ने अमित शाह के बयानों को निराधार बताया।
- अखिलेश यादव का महिलाओं को 40,000 रुपए देने का वादा।
- भाजपा के दावों पर पीएल पूनिया ने सवाल उठाए।
- निर्वाचन प्रक्रिया में बैलेट पेपर की मांग।
- राजनीति में बयानों का महत्व।
लखनऊ, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद का शीतकालीन सत्र अपनी गति में है। लोकसभा में बुधवार को चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। इस पर कांग्रेस नेता पीएल पूनिया ने उन पर निराधार बातें करने का आरोप लगाया।
अमित शाह ने लोकसभा में एक तथ्य पेश करते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू को दो वोट मिले और सरदार वल्लभभाई पटेल को 28 वोट मिलने के बावजूद नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया गया।
पीएल पूनिया ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "गृहमंत्री द्वारा पेश किए गए आंकड़े और मनगढ़ंत दृष्टांत सही नहीं हैं। वे अपनी गवर्नेंस के आधार पर जो कार्य हुए हैं, उन पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं। उनकी रणनीति यह है कि ऐसा मुद्दा उठाया जाए ताकि उनसे सवाल न पूछा जाए और अन्य विषयों पर चर्चा होती रहे। उनकी बातें बिना आधार के हैं। वे निराधार बातें करते हैं, जो पूरी तरह गलत हैं।"
उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के यूपी में सरकार बनने पर हर महिला को 40,000 रुपए देने के वादे पर कहा, "इस समय जो कुछ हो रहा है, वह बेहद महत्वपूर्ण है। सरकार ने महाराष्ट्र से शुरुआत की और बिहार में महिलाओं को 10,000 रुपए देने का कार्य किया। आचार संहिता लागू होने से पहले पैसे बांटे गए, तो इसे वोट चोरी नहीं तो और क्या कहा जाएगा? इस आधार पर चुनाव हो रहे हैं तो वे 40,000 देंगे। यह एक सही कदम है।"
भाजपा के 2047 तक प्रदेश में सपा के न आने के दावे पर पीएल पूनिया ने कहा, "भाजपा किस आधार पर यह कह रही है, मुझे नहीं पता। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि वे किस आधार पर ऐसा दावा कर रहे हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं होने वाला है। लोग सब समझ चुके हैं। खासकर बिहार के एपिसोड के बाद लोगों की मांग है कि उन्हें रोजगार मिले। केवल अनाज देने से काम नहीं चलेगा।"
अखिलेश यादव की बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग पर कांग्रेस नेता ने कहा, "भारत में यह एक पुरानी मांग है कि ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं। दुनिया के कई देशों में ईवीएम पर सवाल उठाए गए हैं, जिसके कारण वहां बैलेट पेपर से चुनाव कराए जा रहे हैं। आज देश के कई प्रांतों में लोग कह रहे हैं कि हम वोट तो कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक को देते हैं, लेकिन हमारा वोट सही तरीके से गिना जाना चाहिए।"