क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' पर कांग्रेस के अंदर घमासान है?

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क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' पर कांग्रेस के अंदर घमासान है?

सारांश

कांग्रेस पार्टी के भीतर 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस के दौरान एक संकट गहराता जा रहा है। शशि थरूर और मनीष तिवारी जैसे प्रमुख नेताओं को बोलने का मौका नहीं मिला, जिसके चलते पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है। क्या यह पार्टी के लिए चिंता का विषय बन रहा है?

Key Takeaways

  • कांग्रेस पार्टी में आंतरिक मतभेद हैं।
  • ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा में प्रमुख नेताओं को बाहर रखा गया।
  • सोशल मीडिया पर मनीष तिवारी ने अपनी नाराजगी व्यक्त की।

नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पार्टी अपने ही बीच में संकट में है। पार्टी के प्रमुख नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी को कांग्रेस ने संसद में बहस के समय बोलने का अवसर नहीं दिया, वे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विदेश दौरे पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। अब मनीष तिवारी ने इस संदर्भ में एक तंज कसा है।

कांग्रेस सांसद मनोज तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक समाचार रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट साझा किया। इसके साथ ही उन्होंने 1970 की प्रसिद्ध बॉलीवुड फिल्म ‘पूरब और पश्चिम’ के एक लोकप्रिय देशभक्ति गीत की कुछ पंक्तियों के साथ अपनी बात रखी। उन्होंने लिखा, “है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं। जय हिंद।”

शशि थरूर तिरुवनंतपुरम से सांसद हैं, जबकि मनीष तिवारी चंडीगढ़ से सांसद हैं। इन तीनों नेताओं को कांग्रेस ने लोकसभा में पार्टी का पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया। समाचार रिपोर्ट में यह सवाल उठाया गया कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने शशि थरूर और मनीष तिवारी को क्यों बाहर रखा?

वास्तव में, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बताने के लिए केंद्र सरकार ने प्रतिनिधिमंडल भेजा था, जिसमें कांग्रेस के सांसद शशि थरूर, मनीष तिवारी, अमर सिंह, आनंद शर्मा और सलमान खुर्शीद भी शामिल थे। लेकिन, जब संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा हो रही थी, तो किसी भी नेता को कांग्रेस पार्टी के वक्ताओं की सूची में जगह नहीं मिली।

रिपोर्ट के अनुसार, एक कांग्रेस सांसद ने बताया कि पार्टी ने चर्चा के दौरान संसद में बोलने के लिए नए सांसदों को चुना। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडलों ने “सरकार के पक्ष में बात की।”

हालांकि, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कांग्रेस लगातार सरकार पर सवाल उठाती रही है।

Point of View

तो सभी को एक समान अवसर मिलना चाहिए। नेताओं को बाहर रखना असंतोष को जन्म दे सकता है, जो पार्टी के लिए दीर्घकालिक समस्या बन सकता है।
NationPress
29/07/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर भारत की उपलब्धियों को रेखांकित करना है।
क्यों कांग्रेस के नेताओं को बोलने का मौका नहीं मिला?
कांग्रेस ने चर्चा के दौरान नए सांसदों को बोलने का अवसर दिया, जिससे कुछ वरिष्ठ नेता बाहर रह गए।