क्या कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ नहीं किया? : राजीव रंजन

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लद्दाख के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
- उमर अब्दुल्ला की बातें लद्दाख के लोगों के लिए अप्रासंगिक हो गई हैं।
- एनडीए सरकार ने लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- गाजा के हालात पर भारत सरकार की सहायता की प्रशंसा की गई है।
- राजनीतिक दलों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
पटना, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लद्दाख मामले को लेकर प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की, जिस पर जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने तीखा उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने शासन काल में प्रदेश के विकास के लिए कुछ नहीं किया।
लेह में चल रहे विरोध-प्रदर्शनों के संदर्भ में राजीव रंजन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि अब तक सभी संगठनों को शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन सोनम वांगचुक के समूह ने इसमें भाग लेने से मना कर दिया।
उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला की बातें समझ से परे हैं। लद्दाख की ग्रेटर इकोनॉमी की मांग को कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमेशा नजरअंदाज किया है। केवल कारगिल-लेह हिल काउंसिल का गठन किया गया। जब एनडीए सरकार आई, तब लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया, जो वहां के लोगों की आकांक्षाओं को सम्मानित करता है। इसीलिए उमर अब्दुल्ला की बातों पर लद्दाख के लोग भरोसा नहीं करेंगे, क्योंकि यह मुद्दा लंबे समय से उनके हाथ में था। यदि उन्हें न्याय की इच्छा होती, तो लद्दाख को पहले ही केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दे दिया गया होता।
गाजा में युद्धविराम के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा करने वाले पीएम मोदी के सोशल मीडिया पोस्ट पर राजीव रंजन ने कहा, "गाजा में लाखों लोग विस्थापित हुए, संपत्तियों को नुकसान हुआ, और हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई। भारत सरकार ने पिछले 11 वर्षों में लगभग 80 मिलियन डॉलर की सहायता प्रदान की है, जो पिछले 65 वर्षों की तुलना में अधिक है। स्थानीय संवेदनशीलता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने ट्रंप की घोषणा का स्वागत किया। यह संकट के समाधान के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है।"