क्या कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में सरकार बनाने की रणनीति तैयार होगी?

सारांश
Key Takeaways
- नव संकल्प शिविर 21-22 जुलाई को धार में हो रहा है।
- उमंग सिंघार ने कहा कि यह कोई प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं है।
- कांग्रेस 2028 के चुनाव के लिए रणनीति बनाएगी।
- भाजपा के झूठे प्रचार का जवाब देने की योजना बनाई जाएगी।
- वरिष्ठ नेता वर्चुअल रूप से शिविर में शामिल होंगे।
धार, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने स्पष्ट किया कि धार जिले के मांडव में होने वाला कांग्रेस का दो दिवसीय नव संकल्प शिविर किसी प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा नहीं है। यह शिविर 2028 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार स्थापित करने का संकल्प लेने के लिए आयोजित किया जा रहा है। उमंग सिंघार ने मांडव में शिविर की तैयारियों का निरीक्षण करते हुए कहा कि पार्टी के विधायक और नेता मिलकर सरकार बनाने की रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे।
संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि मांडव का यह शिविर किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण नहीं है। कांग्रेस पार्टी और उसके नेता 2028 के चुनाव की दृष्टि से नव संकल्प शिविर का आयोजन कर रहे हैं। इसमें विधायक और पार्टी के नेता संकल्प लेंगे कि किस प्रकार मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाई जाए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस मंथन करेगी, भाजपा द्वारा फैलाए गए झूठे प्रचार का सामना कैसे किया जाए, इस पर चर्चा होगी, और विधायक मजबूती से विधानसभा में सरकार के झूठे वादों को उजागर करने की रणनीति बनाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार असफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार युवाओं को नौकरी, पिछड़ों को आरक्षण, और आदिवासी-दलित वर्ग को जंगल की जमीन पर कब्जा नहीं दिला पाई। उनका कहना है कि भाजपा केवल अपनी ब्रांडिंग में लगी है और जनता की समस्याओं पर ध्यान नहीं देती। कांग्रेस इस शिविर में विचार करेगी कि भाजपा के झूठे प्रचार का उत्तर कैसे देना है। इसके लिए यह रणनीति बनाई जाएगी कि विधायक विधानसभा में सरकार के झूठे वादों को मजबूती से कैसे उजागर करें। इसी संदर्भ में 21 और 22 जुलाई को मांडव में विधायकों का नव संकल्प शिविर आयोजित होगा।
उन्होंने आगे बताया कि इस शिविर में दिल्ली से वरिष्ठ कांग्रेस नेता वर्चुअल रूप से जुड़ेंगे। सुप्रिया श्रीनेत और अजय माकन जैसे नेता भी शामिल होंगे। शिविर में मिशन 2028 और जनता के मुद्दों पर चर्चा होगी ताकि भाजपा के झूठे वादों को विधानसभा में उजागर किया जा सके।