क्या राहुल गांधी के झूठे प्रोपेगेंडा को देश ने पहले नकारा था और आगे भी नकारेगा?: तरुण चुघ
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस की रैली ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर सवाल उठाए।
- तरुण चुघ ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए।
- केरल में भाजपा की जीत ने नए बदलाव के संकेत दिए हैं।
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस ने रैली की। इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने निशाना साधा।
तरुण चुघ ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "राहुल गांधी के भ्रष्ट, नौसिखिए और जनता द्वारा नकारे गए भ्रष्टाचारियों की फौज, विदेशी घुसपैठियों को मताधिकार दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रही है और रैली निकाल रही है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। कैसे कोई विदेशी घुसपैठिया भारत का वोटर बन सकता है और भारत के नेतृत्व के चुनाव के लिए अधिकार का प्रयोग कर सकता है? यह भारत के लोकतंत्र, देश की अखंडता और एकता के लिए घातक है।"
उन्होंने कहा, "बिहार में कांग्रेस की घुसपैठिया बचाव यात्रा अपार असफलता और जनता से नकारे जाने के बाद अब घुसपैठियों के मसीहा राहुल गांधी दिल्ली में रैली कर रहे हैं। वोटर शुद्धिकरण के खिलाफ मोर्चे निकाल रहे हैं। देश ने पहले भी कांग्रेस के झूठ के प्रोपेगेंडे को नकारा था और आगे भी नकारेंगे।"
तरुण चुघ ने कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में हुई घटना को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "यह घटना ममता के घोष कुप्रबंधन और नौसिखियापन का नतीजा है। ममता बनर्जी की सरकार ने लाखों खेल प्रेमियों के साथ धोखा किया है। इतनी बड़ी भीड़ के लिए कोई प्रबंधन नहीं किया। इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए। पुलिस और सरकार दोनों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इस घटना से पूरे विश्व में भारत को शर्मसार करने का प्रयास किया गया है। जिम्मेदार मंत्रियों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज होने चाहिए।"
केरल के निकाय चुनाव में भाजपा की जीत को लेकर तरुण चुघ ने कहा, "केरल की जीत ऐतिहासिक है। यह केरल की राजनीति में सकारात्मक और बड़े बदलाव के संकेत का ट्रेलर है। छद्म धर्म धर्मनिरपेक्षता के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने वाले और सनातन को डेंगू बीमारी कहकर बदनाम करने वाली शक्तियों पर जनता ने गहरी चोट की है। लोगों ने पीएम मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास' के मंत्र को चुना है।"