क्या कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने सरकार पर चुनाव सुधारों को लेकर गंभीर न होने का आरोप लगाया?

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क्या कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने सरकार पर चुनाव सुधारों को लेकर गंभीर न होने का आरोप लगाया?

सारांश

कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने चुनाव सुधारों को लेकर सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव आयोग के साथ मिलकर मतदाताओं के अधिकारों का हरण कर रही है। क्या यह लोकतंत्र के लिए खतरा है? जानें इस पर पूरी रिपोर्ट।

Key Takeaways

  • चुनाव सुधार की आवश्यकता पर जोर
  • सरकार की गंभीरता पर सवाल
  • मतदाताओं के अधिकारों का संरक्षण
  • निशिकांत दुबे का विवादित बयान
  • इंडिगो फ्लाइट्स की स्थिति

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस पार्टी के सांसद सुखदेव भगत ने चुनाव सुधार के मुद्दे पर सरकार की गैर-संवेदनशीलता पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि यदि सरकार वाकई गंभीर होती, तो उसे संसद में विधेयक पेश करना चाहिए था। इसके बजाय, वह चुनाव आयोग के साथ मिलकर मतदाताओं के अधिकारों का हरण कर रही है।

सुखदेव भगत ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि सरकार पर कोई असर नहीं होने वाला है। वह एसआईआर को लेकर अड़ी हुई है। चुनाव आयोग और सरकार मिलकर नागरिकों के वोट का अधिकार छीन रहे हैं।

उन्होंने कहा, "लोकसभा में राहुल गांधी ने तीन मुद्दे उठाए। उन्होंने पूछा कि यदि आप (चुनाव आयोग) निष्पक्ष होने का दावा करते हैं, तो विपक्ष के नेता, प्रधानमंत्री और चीफ जस्टिस को पहले की निष्पक्ष चुनाव कमेटी से क्यों हटाया गया? अगर वे पहले इसका हिस्सा थे, तो अब निष्पक्षता कहां है? दूसरा, उन्होंने मशीनों और वोटर लिस्ट की विश्वसनीयता पर बात की। तीसरा, उन्होंने पूछा कि क्या किसी को कानून से ऊपर रखा गया है।"

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर सुखदेव भगत ने कहा, "उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि संविधान सभा में श्यामा प्रसाद मुखर्जी और रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में उनके क्या विचार हैं, क्योंकि वह 'वंदे मातरम' पर बहस की बात करते रहते हैं। संविधान 'यूनियन ऑफ स्टेट्स' है। तो वह किस तुष्टिकरण की बात कर रहे हैं?"

कांग्रेस सांसद ने सवाल करते हुए कहा, "निशिकांत दुबे किस भूमिका में हैं? ऐसा लगता है कि उनकी रुचि एक सांसद से ज्यादा भारत के पुरातात्विक सर्वेक्षण में है, क्योंकि मुद्दा चाहे जो हो, वह हमेशा अतीत में देखने की बात करते हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि बेरोजगारी पर चर्चा क्यों नहीं हो, देश की स्थिति पर चर्चा क्यों न हो, इंडिगो के हालातों पर चर्चा क्यों न हो?"

इंडिगो की फ्लाइट्स में देरी और कैंसलेशन पर सुखदेव भगत ने कहा कि इस मामले में सरकार ने आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की है। सवाल यह है कि क्या एयरलाइन कंपनियां सरकार से भी अधिक पावरफुल हो जाएंगी? इस मामले में डीजीएसए का क्या रोल है? इस पर भी सवाल उठ रहे हैं।

सुखदेव भगत ने कहा, "वे (डीजीएसए) केवल नोटिस जारी करके अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। केवल पैसे वापस करके ऐसी घटनाओं की भरपाई नहीं की जा सकती। पूरी कार्रवाई होनी चाहिए।"

उन्होंने मांग की कि इस घटना की विस्तार से जांच होनी चाहिए कि यह क्यों हुई और कौन जिम्मेदार है। पूरा प्रोसीजर फॉलो किया जाना चाहिए, और जो भी दोषी पाए जाएं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

Point of View

यह स्थिति गंभीर है। सांसद सुखदेव भगत के आरोपों से यह स्पष्ट होता है कि चुनाव सुधारों की दिशा में सरकार की कोई ठोस योजना नहीं है। यह भारत के लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, और नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

सुखदेव भगत ने किस मुद्दे पर सरकार पर आरोप लगाया?
सुखदेव भगत ने चुनाव सुधारों के मुद्दे पर सरकार को गंभीर नहीं मानते हुए आरोप लगाया है।
क्या सरकार ने चुनाव सुधारों के लिए कोई विधेयक पेश किया है?
नहीं, सुखदेव भगत का कहना है कि यदि सरकार गंभीर होती, तो वह संसद में विधेयक लाना चाहिए था।
निशिकांत दुबे ने किस विषय पर विवाद उठाया?
सुखदेव भगत ने निशिकांत दुबे से संविधान सभा में श्यामा प्रसाद मुखर्जी और रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में उनके विचार स्पष्ट करने की मांग की।
सुखदेव भगत ने इंडिगो की फ्लाइट्स के बारे में क्या कहा?
उन्होंने इंडिगो की फ्लाइट्स में देरी और कैंसलेशन के मामले में सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए।
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