क्या कफ सिरप के अवैध व्यापार पर ईडी का शिकंजा?

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क्या कफ सिरप के अवैध व्यापार पर ईडी का शिकंजा?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने कोडीन-आधारित कफ सिरप के अवैध कारोबार पर भरी कार्रवाई की है। कई राज्यों में चलाए गए तलाशी अभियानों ने धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों को उजागर किया है। जानिए इस मामले की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • ईडी ने कोडीन-आधारित कफ सिरप के अवैध व्यापार पर कार्रवाई की।
  • तलाशी अभियान में 25 ठिकानों पर छापे मारे गए।
  • मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत जांच की जा रही है।
  • संबंधित व्यक्तियों ने फर्जी कंपनियां बनाईं।
  • अंतर-राज्यीय स्तर पर कफ सिरप का डायवर्जन किया गया।

लखनऊ, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय ने कोडीन-आधारित कफ सिरप के गैरकानूनी कारोबार और डायवर्जन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत 12 और 13 दिसंबर को व्यापक तलाशी अभियान का संचालन किया।

यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश, झारखंड, और गुजरात सहित विभिन्न राज्यों में फैले कुल 25 स्थलों पर की गई, जिनमें लखनऊ, वाराणसी, जौनपुर, सहारनपुर, रांची और अहमदाबाद शामिल हैं। तलाशी आरोपियों और उनके सहयोगियों के आवासीय और कार्यालय परिसरों में की गई।

ईडी ने यह जांच उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई 30 एफआईआर के आधार पर शुरू की है। एफआईआर एनडीपीएस अधिनियम, भारतीय दंड संहिता और अन्य लागू कानूनों के तहत दर्ज की गई थीं। एफआईआर में एक सुव्यवस्थित और बहुस्तरीय आपराधिक सिंडिकेट के अस्तित्व का आरोप लगाया गया है, जो वैधानिक नियमों और नियंत्रणों का गंभीर उल्लंघन करते हुए कोडीन-आधारित कफ सिरप की अवैध खरीद, भंडारण, डायवर्जन और बिक्री में संलिप्त था।

जांच में आरोप है कि संबंधित व्यक्तियों ने अपनी विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से भारी मात्रा में कोडीन-आधारित कफ सिरप की खरीद की। इसके बाद उन्होंने कई फर्जी और फ्रंट कंपनियां बनाईं, धोखाधड़ी से लाइसेंस हासिल किए और दस्तावेजों व रिकॉर्ड में हेरफेर कर इस स्टॉक को गैर-चिकित्सकीय और नशीले पदार्थों के उपयोग के लिए डायवर्ट किया।

जांच एजेंसियों के अनुसार, इस अवैध नेटवर्क के जरिए कफ सिरप का अंतर-राज्यीय स्तर पर डायवर्जन किया गया और नेपाल तथा बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में इसकी तस्करी भी की गई।

ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि इस अवैध व्यापार से भारी मात्रा में अपराध की आय अर्जित की गई। यह राशि पहले फ्रंट संस्थाओं के बैंक खातों में जमा कराई गई और फिर कई जटिल लेनदेन के जरिए आरोपी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित अन्य संस्थाओं और खातों में स्थानांतरित की गई, ताकि धन के वास्तविक स्रोत को छिपाया जा सके।

पीएमएलए, 2002 की धारा 17 के तहत की गई तलाशी के दौरान ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच से संबंधित कई आपत्तिजनक दस्तावेज, रिकॉर्ड और अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद कर जब्त किए हैं। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि इन दस्तावेजों से पूरे अवैध नेटवर्क, धन के प्रवाह और शामिल व्यक्तियों की भूमिका को समझने में मदद मिलेगी।

Point of View

जो न केवल कानून को स्थापित करती है, बल्कि समाज को इन अपराधों के खिलाफ जागरूक भी करती है। हमें इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और ऐसे कार्यों की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने कफ सिरप के अवैध कारोबार पर कार्रवाई क्यों की?
ईडी ने कफ सिरप के अवैध व्यापार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर कार्रवाई की, जो विभिन्न राज्यों में फैले एक बड़े आपराधिक सिंडिकेट से जुड़ा है।
यह कार्रवाई कब की गई?
यह कार्रवाई 12 और 13 दिसंबर को की गई।
ईडी ने कितने स्थानों पर तलाशी ली?
ईडी ने कुल 25 स्थानों पर तलाशी ली।
कफ सिरप का अवैध कारोबार कैसे हुआ?
अवैध कारोबार के तहत, फर्जी कंपनियों के माध्यम से कफ सिरप की खरीद, भंडारण और बिक्री की गई।
क्या इस मामले में किसी की गिरफ्तारी हुई है?
अभी तक गिरफ्तारी की जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन जांच जारी है।
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