क्या वित्त वर्ष 2023 और 2024 में क्रिप्टो ट्रांजैक्शन से 630 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- 630 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा हुआ है।
- आयकर अधिनियम, 1961 के तहत वीडीए ट्रांजैक्शन पर कर लागू है।
- सरकार ने एनयूडीजीई अभियान शुरू किया है।
- आयकर विभाग ने डेटा एनालिटिक्स टूल्स का उपयोग किया है।
- अघोषित आय को पहचानने के लिए टीडीएस रिटर्न का विश्लेषण किया जा रहा है।
नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को संसद को बताया कि पिछले दो वित्तीय वर्षों में वर्चुअल डिजिटल एसेट (वीडीए) लेनदेन के माध्यम से लगभग 630 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा किया गया।
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 115बीबीएच के तहत वीडीए के ट्रांसफर से उत्पन्न होने वाली आय पर कर वित्त वर्ष 2022-23 से लागू किया गया है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, "वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए करदाताओं द्वारा दी गई कुल कर राशि 705 करोड़ रुपए थी। इसके अतिरिक्त, तलाशी और जब्ती अभियान और सर्वेक्षण के दौरान, वीडीए ट्रांजैक्शन में लगभग 630 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता चला।"
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल के समय में क्रिप्टोकरेंसी और वीडीए में निवेश से जुड़े कर चोरी के मामलों का कई बार खुलासा किया है और ऐसे मामलों में आयकर विभाग द्वारा आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाती है।
राज्य मंत्री के अनुसार, वीडीए के प्रकटीकरण और कर भुगतान के संबंध में करदाताओं में जागरूकता बढ़ाने के लिए, सीबीडीटी ने हाल ही में एनयूडीजीई (गाइड और इनेबल करने के लिए डेटा का गैर-घुसपैठिया उपयोग) अभियान शुरू किया है, जिसके तहत उन चुनिंदा करदाताओं को 44,057 ईमेल और संदेश भेजे गए हैं जिन्होंने वीडीए में निवेश और व्यापार किया था, लेकिन अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) की अनुसूची में वीडीए ट्रांजैक्शन की जानकारी नहीं दी थी।
सीबीडीटी ने क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाली आय की सही रिपोर्टिंग और कराधान सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं। इनमें नॉन-फाइलर मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएस), प्रोजेक्ट इनसाइट और आयकर विभाग के आंतरिक डेटाबेस जैसे डेटा एनालिटिक्स टूल्स का उपयोग शामिल है, ताकि वीडीए ट्रांजैक्शन पर उपलब्ध जानकारी को करदाताओं के आयकर रिटर्न (आईटीआर) में किए गए खुलासे से जोड़ा जा सके।
राज्य मंत्री ने बताया कि वर्चुअल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स (वीएएसपी) द्वारा दाखिल टीडीएस रिटर्न और करदाताओं द्वारा दाखिल आईटीआर का भी विश्लेषण किया जाता है ताकि रिपोर्ट किए गए वीडीए ट्रांजैक्शन में विसंगतियों की पहचान की जा सके और उचित कार्रवाई की जा सके।