क्या सीएसआईआर स्थापना दिवस भारत के वैज्ञानिक भविष्य का प्रतीक है?

Click to start listening
क्या सीएसआईआर स्थापना दिवस भारत के वैज्ञानिक भविष्य का प्रतीक है?

सारांश

सीएसआईआर स्थापना दिवस, भारतीय विज्ञान और नवाचार का जश्न मनाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि कैसे सीएसआईआर ने अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आइए जानें इसके महत्व और इसके द्वारा किए गए नवाचारों के बारे में।

Key Takeaways

  • सीएसआईआर की स्थापना १९४२ में हुई थी।
  • यह संगठन १६,००० से अधिक वैज्ञानिकों के साथ कार्यरत है।
  • सीएसआईआर ने २०,००० से अधिक पेटेंट प्राप्त किए हैं।
  • यह दिन युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करता है।
  • सीएसआईआर ने हर क्षेत्र में नवाचार किए हैं।

नई दिल्ली, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। साल १९४२ में स्थापित वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) का स्थापना दिवस हर साल २६ सितंबर को मनाया जाता है, जो भारत के वैज्ञानिक स्वतंत्रता संग्राम और औद्योगिक विकास का प्रतीक है।

यह स्थापना दिवस सीएसआईआर की उपलब्धियों, नवाचारों और समाज के प्रति योगदान को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

सीएसआईआर की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई, जब भारत को स्वदेशी अनुसंधान की सख्त आवश्यकता थी। सर आर्कोट रामास्वामी मुदालियर की दूरदर्शिता से शुरू हुआ यह संगठन आज १६,००० से अधिक वैज्ञानिकों और कर्मचारियों के साथ विश्व की प्रमुख अनुसंधान संस्थाओं में से एक है।

कोविड-१९ वैक्सीन कोवैक्सिन से लेकर पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों तक, सीएसआईआर ने हर क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। इसने २०,००० से अधिक पेटेंट हासिल किए हैं और भारत को वैश्विक नवाचार में शीर्ष १० देशों में स्थान दिलाया है।

सीएसआईआर की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, २६ सितंबर १९४२ को हुई थी। उस समय भारत पर ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन था और युद्ध की आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं के कारण वैज्ञानिक अनुसंधान की आवश्यकता महसूस हुई।

सर शांति स्वरूप भटनागर ने इसकी नींव रखी, जिन्हें 'भारत के अनुसंधान प्रयोगशालाओं के पिता' कहा जाता है। इसे शुरू में एक सलाहकार परिषद के रूप में स्थापित किया गया था, और १९४२ में सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, १८६० के तहत एक स्वायत्त निकाय बना।

इसका मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान को बढ़ावा देना, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करना तथा नए उद्योगों का विकास करना था।

युद्धकालीन जरूरतों जैसे वनस्पति तेल मिश्रण से ईंधन, सेना के जूतों के लिए प्लास्टिक पैकिंग, वर्दी के लिए रंगों और विटामिन की तैयारी जैसे कार्यों से सीएसआईआर ने अपनी क्षमता सिद्ध की।

सीएसआईआर के योगदान असंख्य हैं। यह रेडियो और अंतरिक्ष भौतिकी से लेकर महासागर विज्ञान, रसायन, दवाएं, जीनोमिक्स, बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी, खनन, विमानन, पर्यावरण इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी तक के व्यापक क्षेत्रों में कार्यरत है।

सीएसआईआर स्थापना दिवस का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करता है। इस दिन प्रयोगशालाओं में पुरस्कार वितरण, सम्मान समारोह, व्याख्यान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सम्मान पत्र प्रदान किए जाते हैं।

आज के दौर में जब विकसित भारत का लक्ष्य २०४७ है, सीएसआईआर जैसे संगठन स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर सतत विकास सुनिश्चित कर रहे हैं। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि विज्ञान केवल खोज नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि विज्ञान का विकास केवल अनुसंधान से नहीं, बल्कि राष्ट्र के विकास में योगदान से भी होता है। यह दिन इस बात का सबूत है कि भारतीय वैज्ञानिक समाज प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

सीएसआईआर की स्थापना कब हुई थी?
सीएसआईआर की स्थापना २६ सितंबर १९४२ को हुई थी।
सीएसआईआर का मुख्य उद्देश्य क्या है?
सीएसआईआर का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
सीएसआईआर ने कितने पेटेंट प्राप्त किए हैं?
सीएसआईआर ने २०,००० से अधिक पेटेंट प्राप्त किए हैं।
सीएसआईआर का स्थापना दिवस क्यों मनाया जाता है?
सीएसआईआर स्थापना दिवस पर, हम इसके योगदान और उपलब्धियों को याद करते हैं।
सीएसआईआर ने कौन-कौन से क्षेत्रों में कार्य किया है?
सीएसआईआर ने रेडियो, अंतरिक्ष भौतिकी, महासागर विज्ञान, रसायन, दवाएं, बायोटेक्नोलॉजी और अन्य क्षेत्रों में कार्य किया है।