क्या समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम समुदाय को गुमराह किया है? - दानिश आजाद

सारांश
Key Takeaways
- समाजवादी पार्टी का मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने का आरोप
- बिहार चुनाव में पारदर्शिता की आवश्यकता
- प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनने की संभावना
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की आलोचना
- मुस्लिम समुदाय की जागरूकता
लखनऊ, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दानिश आजाद ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के उस पत्र की निंदा की, जिसमें पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में बुर्का पहनने वाली महिलाओं की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा की गई जांच को भेदभावपूर्ण करार दिया।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा से ही प्रदेश के मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने का कार्य किया है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। आज के समय में इस देश का मुस्लिम समुदाय जागरूक हो चुका है। यदि कोई यह सोचता है कि वह मुस्लिम समुदाय को गुमराह कर सकता है, तो यह उसकी गलतफहमी है।
मंत्री ने कहा कि बिहार में पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उचित व्यवस्था की गई है, इसलिए मैं चाहूंगा कि मुस्लिम समुदाय का कोई भी व्यक्ति इनके झांसे में न आए। इसके अलावा, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस बार बिहार में लोगों ने समाजवादी पार्टी हो या कांग्रेस, दोनों को सत्ता से बेदखल करने का संकल्प लिया है। ऐसी स्थिति में इनकी राजनीतिक साजिश अब किसी भी कीमत पर सफल नहीं होगी। प्रदेश के लोग इन्हें समझ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में विकास से संबंधित कार्य चल रहे हैं। विकास की गति भी तेज हो रही है। ऐसी स्थिति में हमें पूरा विश्वास है कि बिहार में इस बार प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। प्रदेश की जनता का विश्वास एनडीए सरकार पर है और हमें इसे स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए।
साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि जिस प्रदेश की मुख्यमंत्री एक महिला हैं, वहां की महिलाएं आज सुरक्षित नहीं हैं। इसकी नैतिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान निंदनीय है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी प्रदेश की मुख्यमंत्री ऐसे बयान दे रही हैं। पश्चिम बंगाल की सरकार कानून व्यवस्था को ठीक करने में विफल रही है, लेकिन अपनी विफलता को स्वीकार करने के बजाय, यह सरकार हमारी बहन बेटियों का विरोध कर रही है।