क्या दीपावली पर स्वदेशी अपनाने का संकल्प लें? : मोहन यादव

सारांश
Key Takeaways
- दीपावली का पर्व सुख और समृद्धि का प्रतीक है।
- स्वदेशी को अपनाना आवश्यक है।
- मुख्यमंत्री ने समाज को एकजुट होने का संदेश दिया।
- दीपावली पर मां लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश का आशीर्वाद महत्वपूर्ण है।
- आर्थिक समृद्धि के लिए स्थानीय उत्पादों का समर्थन आवश्यक है।
भोपाल, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए स्वदेशी को अपनाने की अपील की है।
इस मौके पर, मुख्यमंत्री आवास पर मंत्रिमंडल के सदस्यों और अधिकारियों का जमावड़ा रहा, जहाँ सभी ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री यादव ने सभी देशवासियों को दीपावली की बधाई देते हुए इस पावन पर्व पर सभी के जीवन में सुख, वैभव और आनंद की वर्षा की कामना की।
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर स्वदेशी अपनाने का संकल्प लें। मुख्यमंत्री यादव ने दीपावली पर मंत्री, विधायक, जन-प्रतिनिधियों, समाजसेवियों, अधिकारियों और जन-सामान्य से भेंट कर मंगलकामनाओं का आदान-प्रदान किया।
मुख्यमंत्री यादव से मुख्यमंत्री निवास पहुंचे मंत्री विश्वास सारंग, मंत्री इंदर सिंह परमार, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, नरेंद्र शिवाजी पटेल, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवान दास सबनानी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, महापौर मालती राय ने भेंट कर दीपावली की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री यादव ने पुलिस प्रशासन के अधिकारियों, सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं, व्यापार-उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और जन-सामान्य से भेंटकर उन्हें पर्व की मंगलकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री यादव ने इससे पहले मुख्यमंत्री निवास स्थित मंदिर में पूजन-अर्चन किया। उन्होंने अपने संदेश में प्रदेशवासियों को दीपावली की मंगलकामनाएं देते हुए कहा कि दीपों का महापर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा, समृद्धि और खुशहाली लेकर आए। यही कामना है कि मां लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश के आशीर्वाद से हर घर में उजाला और आनंद बना रहे।
मुख्यमंत्री यादव ने उल्लास और प्रकाश से आलोकित महापर्व दीपावली की सभी को हार्दिक बधाई दी। दीपावली के मौके पर हर तरफ रोशनी बिखरी पड़ी है। बाजारों में रौनक है और उत्साह उमंग के साथ इसे मनाया जा रहा है। घरों पर आकर्षक और भव्य रोशनी की गई है। वहीं देवालयों में भी विशेष अनुष्ठानों का सिलसिला रात तक जारी रहा।