क्या कांग्रेस, राहुल गांधी के बाद रॉबर्ट वाड्रा का ही आंदोलन बचा है?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली ब्लास्ट में निर्दोषों की मृत्यु हुई है।
- रॉबर्ट वाड्रा का आंदोलन अब बाकी रह गया है।
- जनता ने स्थिर सरकार के लिए मतदान किया है।
- आरएसएस की सामाजिक भूमिका को मान्यता दी गई है।
- लालू यादव का पारिवारिक विवाद दुर्भाग्यपूर्ण है।
मुंबई, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले पर शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने कहा है कि गृह मंत्री अमित शाह जो कहते हैं, वो करते हैं। डॉ. उमर खालिद की जांच चल रही है और जो खुलासा हुआ है, उसका पूरा श्रेय गृह मंत्री अमित शाह को जाता है। लालू यादव के परिवार में चल रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि यह पारिवारिक विवाद है, हम चाहते हैं कि परिवार फिर से एकजुट हो जाए।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने कहा कि दिल्ली में हुए ब्लास्ट में निर्दोष लोगों की दुखद मृत्यु हुई है। जो भी लोग इस घटना में शामिल हैं, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए और कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व पर हमें पूरा भरोसा है। जब-जब पाकिस्तान या आतंकियों ने हमला किया है, तब-तब ऑपरेशन सिंदूर, ऑपरेशन बालाकोट जैसे अभियानों से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया गया है।
रॉबर्ट वाड्रा द्वारा बिहार चुनाव पर सवाल उठाने पर शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी का आंदोलन हो गया, कांग्रेस का आंदोलन हो गया, और अब रॉबर्ट वाड्रा का आंदोलन बाकी रह गया है। वे किसके खिलाफ आंदोलन करेंगे? बिहार समेत तमाम राज्यों के चुनावों में जनता ने स्पष्ट बहुमत दिया है। क्या रॉबर्ट वाड्रा जनादेश के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं? जनता समझदार है और स्थिर सरकार के साथ विकास के लिए मतदान करती है।
कांग्रेस नेता हुसैन दलवई द्वारा आरएसएस पर दिए विवादित बयान पर कृष्णा हेगड़े ने कहा, "आरएसएस एक सामाजिक संस्था है और एनजीओ की तरह काम करती है। जहां कोई आपदा आती है, वहां सबसे पहले मदद के लिए संस्था के लोग पहुंचते हैं। हुसैन दलवई और कांग्रेस के नेता अपना राजनीतिक अस्तित्व खो चुके हैं। कांग्रेस लगातार 95 से अधिक चुनाव हार चुकी है। लोकप्रियता के लिए हुसैन दलवई ऐसे बयान दे रहे हैं। वह कश्मीर और आतंकवाद की तुलना कर रहे हैं। इससे उनकी सोच सामने आ रही है।"
बिहार चुनाव के बाद लालू यादव के परिवार में चल रहे विवाद पर हेगड़े ने कहा कि यह राजद और लालू प्रसाद यादव के परिवार का आंतरिक मामला है। इसमें शिवसेना कुछ नहीं कह सकती, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम यही कामना करते हैं कि परिवार फिर से एक हो जाए। चुनाव में किसी को हार मिलती है, किसी को जीत, लेकिन इसके कारण परिवार नहीं बिखरना चाहिए।