क्या आम आदमी पार्टी ने बुक्ड प्रॉपर्टी को बिजली कनेक्शन देने पर सरकार को घेरा?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश बुक्ड प्रॉपर्टी पर बिजली आपूर्ति को रोकने से रोकता है।
- आप पार्टी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वह कोर्ट के फैसले को छिपा रही है।
- राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।
नई दिल्ली, १९ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई है। बुक्ड प्रॉपर्टी को बिजली कनेक्शन देने के मामले में आम आदमी पार्टी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को रेखा गुप्ता सरकार अपनी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है।
आप नेताओं का कहना है कि कोर्ट के आदेश को जानबूझकर छिपाकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।
आप के प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि १३ नवंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया था कि केवल एमसीडी द्वारा प्रॉपर्टी बुक किए जाने के आधार पर बिजली कनेक्शन रोका नहीं जा सकता। बिजली तभी काटी जाएगी या रोकी जाएगी, जब एमसीडी प्रॉपर्टी को ध्वस्त या सील करने की कार्रवाई कर रही हो।
कोर्ट ने डिस्कॉम को स्पष्ट निर्देश दिए कि बुक्ड प्रॉपर्टी पर बिजली आपूर्ति को न रोका जाए। आप नेताओं का आरोप है कि इस आदेश के बाद १७ नवंबर को बिजली विभाग की ओर से जारी निर्देशों में सीएम कार्यालय ने हाईकोर्ट के नाम का कोई उल्लेख नहीं किया और फैसले को 'सरकार की समीक्षा और विधि विभाग से परामर्श के बाद लिया गया निर्णय' बताया।
इसी दस्तावेज के आधार पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को बधाई देकर इसे उनकी उपलब्धि बताया।
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार न सिर्फ आप सरकार के कामों का श्रेय चुराती रही है, बल्कि अब अदालत के निर्णय को भी अपना बताकर क्रेडिट लेने की कोशिश कर रही है।