क्या दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सरकार सक्रिय नहीं दिख रही है? - गोपाल राय

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली का औसत एक्यूआई 282 है।
- 12 इलाकों में एक्यूआई 400 से अधिक है।
- सरकार को धूल और वाहन प्रदूषण पर कदम उठाने चाहिए।
- क्लाउड सीडिंग की अनुमति नहीं दी गई।
- बयानबाजी से समस्याओं का समाधान नहीं होगा।
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के पूर्व पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण का बढ़ता स्तर लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल रहा है और सरकार को तुरंत सक्रियता दिखानी चाहिए।
गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 282 तक पहुँच गया है और आनंद विहार जैसे 12 इलाकों में एक्यूआई 400 से अधिक होकर 'गंभीर' श्रेणी में पहुँच चुका है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि दीपावली के बाद स्थिति और खराब हो सकती है, लेकिन भाजपा सरकार की ओर से कोई सक्रियता नहीं दिख रही।
राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 15 दिन बाद विंटर एक्शन प्लान जारी किया, जो जल्दबाजी में तैयार किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि हॉटस्पॉट्स प्रदूषण का बड़ा कारण हैं, लेकिन इसके लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। सरकार को तुरंत धूल प्रदूषण (डस्ट पॉल्यूशन) और वाहन प्रदूषण (व्हीकल पॉल्यूशन) पर कदम उठाने चाहिए। हॉटस्पॉट्स के लिए विशेष एक्शन प्लान बनाना आवश्यक है।
कृत्रिम बारिश के मुद्दे पर आप नेता ने कहा कि पिछले दो साल से हम क्लाउड सीडिंग के लिए प्रयासरत थे। आईआईटी कानपुर ने इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया था, लेकिन दुर्भाग्यवश भाजपा सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। अगर अनुमति मिल जाती और दिल्ली में इसका ट्रायल हो चुका होता तो हम आज इसके परिणामों के बारे में विश्वास के साथ बता सकते थे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक विद्वेष के कारण क्लाउड सीडिंग को मंजूरी नहीं दी गई। इसके वास्तविक प्रभाव का पता तो प्रयोग के बाद ही चलेगा।
गोपाल राय ने कहा कि धीरे-धीरे दिल्ली सरकार के हर विभाग की कमियां सामने आ रही हैं। मैं पिछले आठ महीनों से भाजपा सरकार की मानसिकता देख रहा हूं। केवल बयानबाजी से समस्याओं का समाधान नहीं होगा। सभी को मिलकर काम करना होगा। दिल्ली में चार इंजन की सरकार होने के बावजूद अगर फ्लैट में आग लगने के बाद दमकल गाड़ियां समय पर नहीं पहुंचतीं तो यह एक गंभीर मुद्दा है।