क्या राज ठाकरे ने चुनाव आयोग पर महाराष्ट्र में 96 लाख फर्जी मतदाता बनाने का आरोप लगाया?

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क्या राज ठाकरे ने चुनाव आयोग पर महाराष्ट्र में 96 लाख फर्जी मतदाता बनाने का आरोप लगाया?

सारांश

राज ठाकरे ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि महाराष्ट्र की मतदाता सूची में 96 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। उनकी टिप्पणियों ने सत्ताधारी दलों के साथ-साथ चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। क्या यह आरोप चुनावी राजनीति में एक नया मोड़ लाएगा?

Key Takeaways

  • राज ठाकरे ने 96 लाख फर्जी मतदाताओं का आरोप लगाया।
  • उन्होंने चुनाव आयोग से सुधार के लिए आह्वान किया।
  • सत्ताधारी दलों पर भी सवाल उठाए गए हैं।
  • मतदाता सूची में विसंगतियों का पुराना मुद्दा है।
  • चुनाव आयोग की चुप्पी से सवाल उठते हैं।

मुंबई, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के संस्थापक और अध्यक्ष राज ठाकरे ने रविवार को चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र की मतदाता सूची में लगभग 96 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम शामिल किए गए हैं।

रैली में, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी असहमति भी दोहराई।

उनकी टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके गठबंधन सहयोगियों, जिनमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं, पर लक्षित थी।

राज ठाकरे ने चुनाव आयोग से मतदाता सूचियों को शुद्ध करने और राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को तब तक स्थगित करने का आह्वान किया जब तक कि इस सुधार को सभी संबंधित राजनीतिक दलों की स्वीकृति नहीं मिल जाती।

मुंबई के गोरेगांव में मनसे के बूथ-स्तरीय कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने हेरफेर वाले चुनावों को मतदाताओं का सबसे बड़ा अपमान बताया।

मनसे प्रमुख ने कहा कि छेड़छाड़ की गई मतदाता सूचियों के साथ चुनाव कराने से जनता की भागीदारी की परवाह किए बिना परिणाम पूर्व निर्धारित हो जाते हैं, उन्होंने इसे एक तयशुदा राजनीतिक मुकाबले जैसा बताया।

उन्होंने पूछा कि जब मामला चुनाव आयोग से जुड़ा था तो सत्ताधारी दल इसमें हस्तक्षेप क्यों कर रहे थे, यह सुझाव देते हुए कि यह बात उन्हें इसलिए चुभ गई क्योंकि उन्हें अंतर्निहित हेरफेर के बारे में पता था।

राज ठाकरे ने तर्क दिया कि क्षेत्रीय राजनीतिक संगठनों को हाशिए पर धकेलने की कोशिशें चल रही हैं। उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची में 96 लाख फर्जी प्रविष्टियां जोड़े जाने का पता चला है, जो कथित तौर पर 2024 के विधानसभा चुनावों से पहले भी अपनाई गई एक रणनीति है।

उन्होंने कहा कि मुंबई में आठ से दस लाख फर्जी मतदाताओं को शामिल किया गया है, जबकि ठाणे, पुणे और नासिक में भी लगभग इतनी ही संख्या 8 से 8.5 लाख के बीच है।

उन्होंने कहा कि चुनावी गणित बुनियादी तौर पर गलत था, और कुछ दलों के सीटें हासिल करने में विफल रहने की आलोचना को खारिज कर दिया, क्योंकि यह व्यापक रूप से समझा जा रहा था कि ये जीत कैसे हासिल की गई थीं।

हाल के विधानसभा चुनावों पर विचार करते हुए, राज ठाकरे ने कहा कि महायुति गठबंधन के 232 विधायकों के चुनाव ने महाराष्ट्र को अविश्वास की स्थिति में डाल दिया है, मतदाता और विजेता दोनों ही आश्चर्यचकित हैं।

उन्होंने संकेत दिया कि राष्ट्रीय चुनावों में अपनाए जाने वाले तरीके अब सभी के लिए पारदर्शी हैं।

जनसभा में राज ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी का एक पुराना वीडियो दिखाया, जो विपक्षी दल के कार्यकाल के दौरान का है। इस वीडियो में मोदी ने चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता में न रहते हुए भी ऐसी ही शिकायतें की थीं, जिससे पार्टी के वर्तमान नेतृत्व की आलोचना हुई थी।

उन्होंने जोर देकर कहा कि मतदाता सूचियों में विसंगतियां एक पुराना मुद्दा है, जिसे उन्होंने 2016-17 में ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और मतदाता सूचियों से संबंधित बताया था।

ये आरोप स्थानीय चुनावों की तैयारियों के तेज होने के साथ ही सामने आ रहे हैं, जिससे महाराष्ट्र में चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं।

राज ठाकरे के दावों पर चुनाव आयोग ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है।

Point of View

जो राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकते हैं। चुनाव आयोग की चुप्पी और सत्ताधारी दलों की प्रतिक्रिया यह संकेत देती है कि मामला महत्वपूर्ण है। यह आरोप भविष्य में चुनावी प्रक्रिया की साख पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं।
NationPress
19/10/2025

Frequently Asked Questions

राज ठाकरे ने चुनाव आयोग पर क्या आरोप लगाया?
राज ठाकरे ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र की मतदाता सूची में लगभग 96 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम शामिल हैं।
राज ठाकरे ने इस मुद्दे पर क्या कदम उठाए?
उन्होंने चुनाव आयोग से मतदाता सूचियों को शुद्ध करने और आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को स्थगित करने का आह्वान किया है।
यह मुद्दा चुनावी प्रक्रिया को कैसे प्रभावित कर सकता है?
इस आरोप के कारण चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं, जिससे मतदाता के विश्वास में कमी आ सकती है।
चुनाव आयोग ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी है?
चुनाव आयोग ने अभी तक राज ठाकरे के आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
राज ठाकरे का राजनीतिक प्रभाव क्या है?
राज ठाकरे महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण हस्ती हैं, और उनके आरोपों का व्यापक प्रभाव हो सकता है।