क्या दिल्ली में छात्रों के लिए मेट्रो किराए में 50 प्रतिशत रियायत की मांग सही है?

सारांश
Key Takeaways
- छात्रों के लिए 50 प्रतिशत मेट्रो किराए में छूट की मांग।
- महंगाई के कारण छात्रों पर बढ़ता आर्थिक बोझ।
- एसैप का 16 दिवसीय अभियान शुरू।
- राजनीतिक दलों पर वादाखिलाफी का आरोप।
- छात्रों के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी (आप) के छात्रों का संगठन एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (एसैप) ने दिल्ली में अध्ययन करने वाले सभी छात्रों के लिए मेट्रो किराए में 50 प्रतिशत छूट की मांग की है।
संगठन ने इस मामले में भाजपा और उसके छात्र संगठन एबीवीपी के साथ-साथ कांग्रेस और एनएसयूआई को भी वादाखिलाफी का आरोपी बनाया है।
एसैप की नेता ईशना गुप्ता ने कहा कि कॉलेज की फीस में निरंतर वृद्धि और महंगाई ने छात्रों पर एक गंभीर आर्थिक बोझ डाल दिया है। नियमित मेट्रो यात्रा करने वाले छात्रों को प्रतिदिन 60 से 100 रुपए और प्रति माह 1,800 से 3,000 रुपए सिर्फ किराए पर खर्च करना पड़ता है। यदि यह राशि बचाई जा सके, तो छात्र इसे अपनी पढ़ाई, कौशल विकास या किताबों में निवेश कर सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि एबीवीपी, एनएसयूआई और भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्रों में रियायती मेट्रो पास देने का वादा किया था, लेकिन किसी ठोस कदम की ओर नहीं बढ़े। भाजपा ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में जरूरतमंद छात्रों के लिए 4,000 रुपए तक का मेट्रो किराया माफ करने का वादा किया था, लेकिन यह भी अन्य गारंटियों की तरह अधूरा रह गया।
एसैप के दिल्ली प्रदेश संगठन मंत्री ओम सिंह ने बताया कि 2015, 2023 और 2024 में एबीवीपी और 2015 और 2023 में एनएसयूआई ने भी मेट्रो किराए में छूट देने का वादा किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। एनएसयूआई का दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यक्ष होने के बावजूद संगठन ने छात्रों के लिए मेट्रो पास दिलाने या बुनियादी सुविधाओं में सुधार की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।
एसैप के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि मेट्रो पास, अच्छी लाइब्रेरी और अन्य बुनियादी सुविधाएं छात्रों के लिए आवश्यक हैं। बुधवार से एसैप दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस, साउथ कैंपस और सभी कॉलेजों में 16 दिवसीय अभियान शुरू करेगा, जिसके तहत छात्रों से समर्थन जुटाया जाएगा। संगठन ने उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति और डीएमआरसी चेयरमैन को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द छात्रों के लिए 50 प्रतिशत रियायती मेट्रो पास लागू करने की मांग की है।