क्या हिजाब हटाने के लिए प्यार से कह सकते थे? सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन
सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं की इज्जत का सम्मान होना चाहिए।
- नीतीश कुमार के कार्यों की गंभीर आलोचना हो रही है।
- प्रदर्शन ने समाज में समानता की आवश्यकता को उजागर किया।
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एक विवादास्पद वीडियो के वायरल होने पर मुस्लिम समुदाय ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाना बनाया। शनिवार को दिल्ली के तुर्कमान गेट पर बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने सीएम नीतीश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में शामिल एक महिला ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री को सिर्फ महिला का चेहरा देखना था, तो वे प्यार से कह सकते थे, लेकिन जिस तरह से उन्होंने हिजाब खींचा, वह अस्वीकार्य है।
इस प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी के नेता आले मोहम्मद इकबाल भी शामिल हुए, जिन्होंने नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग की।
आप नेता ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री बनने के बाद एक बार फिर घटिया राजनीति का प्रदर्शन किया है। जो व्यक्ति अपनी राज्य की महिलाओं की इज्जत नहीं कर सकता, वह अपने परिवार की महिलाओं की भी इज्जत नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि यदि नीतीश कुमार इस्तीफा नहीं दे सकते हैं, तो कम से कम उन्हें उस महिला से माफी मांगनी चाहिए।
आले मोहम्मद इकबाल ने कहा कि नीतीश कुमार ने अभी तक माफी नहीं मांगी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उन्हें अपने कार्यों पर कोई पछतावा नहीं है।
एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि नीतीश कुमार का यह कार्य बहुत शर्मनाक है। उन्हें किसी भी महिला के खिलाफ ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए था।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वालों को ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए थी। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
एक अन्य प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि जो लोग सीएम नीतीश कुमार का समर्थन कर रहे हैं, क्या उनकी बेटियों के साथ ऐसा होने पर वे इसे स्वीकार करते?
उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री प्यार से कहते, तो महिला हिजाब हटा देती, लेकिन खींचने की जरूरत नहीं थी। अगर किसी भी धर्म की बेटी के साथ ऐसा होता, तो हम विरोध जरूर करते। हमारे लिए सभी की इज्जत बराबर है।