क्या दिल्ली के यमुना का पानी वास्तव में साफ है?
सारांश
Key Takeaways
- यमुना का पानी पीने के लिए सुरक्षित नहीं है।
- दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की रिपोर्ट में पानी में मल की अधिकता है।
- भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं।
- श्रद्धालुओं को यमुना के पानी का आचमन नहीं करना चाहिए।
- इस मुद्दे पर सही जानकारी आवश्यक है।
नई दिल्ली, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की राजनीति में यमुना के पानी को लेकर विवाद और बढ़ता जा रहा है। शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सौरभ भारद्वाज और विधायक संजीव झा ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के आवास पर जाकर उन्हें चुनौती दी कि यदि यमुना का पानी सच में साफ है, तो वे इसे सभी के सामने पीकर दिखाएं।
'आप' नेताओं ने वजीराबाद क्षेत्र से यमुना का पानी बोतल में भरकर सीएम आवास पहुंचाया, लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरिकेड लगाकर रोक दिया। सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि भाजपा झूठ बोलकर पूर्वांचल के लोगों को गुमराह कर रही है और बिहार चुनाव में राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता यमुना के पानी का आचमन करने का नाटक कर रहे हैं, जबकि यह पानी न पीने योग्य है और न ही नहाने योग्य। सौरभ भारद्वाज ने कहा, "दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की २३ अक्टूबर की रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि यमुना के पानी में मल की मात्रा अत्यधिक है। यह पानी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। भाजपा नेता झूठ बोलकर जनता को जोखिम में डाल रहे हैं। यदि भाजपा का दावा सही है, तो रेखा गुप्ता और वीरेंद्र सचदेवा खुद यह पानी पीकर दिखाएं।"
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने हथिनीकुंड से ईस्टर्न कैनाल का पानी यमुना में छोड़कर दिखावा किया है ताकि यह साबित हो सके कि नदी साफ हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों से भाजपा सरकार ने छठ पर्व के दौरान यमुना को प्रदूषित रखने की कोशिश की है ताकि पूर्वांचल के लोग पूजा न कर सकें।
विधायक संजीव झा ने कहा कि डीपीसीसी की रिपोर्ट खुद भाजपा सरकार की है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि वजीराबाद, आईटीओ, कालिंदी कुंज, लक्ष्मी नगर और ओखला जैसे घाटों पर पानी में मल की मात्रा सैकड़ों गुना अधिक पाई गई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता यमुना के पानी का झूठा आचमन कर श्रद्धालुओं को गुमराह कर रहे हैं, जिससे उनकी जान खतरे में पड़ सकती है। संजीव झा ने पूर्वांचल के श्रद्धालुओं से अपील की कि वे छठ पूजा के दौरान यमुना के पानी का आचमन न करें और न ही लंबे समय तक उसमें खड़े रहें। उन्होंने कहा कि इस पानी से त्वचा रोग और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।