क्या दिल्ली पुलिस ने अवैध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- अवैध प्रवासियों के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई।
- डिपोर्टेशन प्रक्रिया की शुरुआत।
- गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई।
- दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस की सक्रियता।
- देश की सुरक्षा के प्रति पुलिस की प्रतिबद्धता।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण-पश्चिम जिला की ऑपरेशन सेल ने अवैध तरीके से भारत में रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी पिछले दो वर्षों से बिना वैध वीजा और दस्तावेजों के भारत में निवास कर रहे थे।
पुलिस ने सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एफआरआरओ (फरेनर्स रिजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस) दिल्ली की सहायता से दोनों के खिलाफ डिपोर्टेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अवैध और विदेशी प्रवासियों की पहचान और उन पर कार्रवाई हेतु दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस की कई टीमों को खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का कार्य सौंपा गया था। इसी क्रम में इंस्पेक्टर विजय बलियान के नेतृत्व में एसीपी विजय पाल सिंह तोमर की देखरेख में एसआई विक्रम, एएसआई मनोज कुमार, एचसी सतपाल समोटा और महिला कांस्टेबल निर्मला की टीम का गठन किया गया।
दिल्ली पुलिस की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, गुप्त सूचना के आधार पर टीम को जानकारी मिली कि महिपालपुर इलाके में एक बांग्लादेशी नागरिक निवास करने के लिए स्थान तलाश रहा है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मुखबिर की सहायता से दो संदिग्धों की पहचान की गई। पूछताछ में जब उनसे वीजा और अन्य वैध यात्रा दस्तावेज मांगे गए, तो वे कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। दोनों ने स्वीकार किया कि वे करीब दो वर्ष पूर्व भारत आए थे और वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी यहीं ठहरे हुए थे।
पुलिस के अनुसार, पकड़े गए आरोपियों में से एक की पहचान मो. अब्दुलअजीज मियां (46) के रूप में हुई। वह बांग्लादेश के टांगाइल जिले का निवासी है। वहीं, दूसरे आरोपी की पहचान मो. रफीकुल इस्लाम (29) के रूप में हुई, जो बांग्लादेश के गाजीपुर जिले का निवासी है।
जांच और सत्यापन के बाद दोनों की पहचान पुख्ता की गई और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद एफआरआरओ दिल्ली के सहयोग से डिपोर्टेशन की कार्यवाही आरंभ कर दी गई।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि यह सफल ऑपरेशन एक बार फिर दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस के अवैध प्रवासियों के खिलाफ शून्य-सहनशीलता (Zero Tolerance) रुख और कानून व्यवस्था बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।