क्या दिल्ली लाल किला विस्फोट का मकसद लोगों में डर पैदा करना था?
सारांश
Key Takeaways
- लाल किला विस्फोट ने सुरक्षा को चुनौती दी।
- आमिर राशिद अली की गिरफ्तारी से जांच में तेजी आई।
- इस हमले का उद्देश्य आतंक फैलाना था।
- एनआईए की कार्रवाई जारी है।
- धमाके से प्रभावित लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की अदालत ने लाल किले के निकट हुए कार विस्फोट मामले में ड्राइवर उमर मोहम्मद उर्फ उमर उर नबी के सहयोगी आमिर राशिद अली को 10 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा है। आमिर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने अपने रिमांड नोट में बताया है कि आमिर लाल किले के पास हुए बम धमाके के मुख्य आरोपी उमर उन नबी का सहयोगी है। आमिर ने इस धमाके के लिए गाड़ी की व्यवस्था की थी।
एनआईए ने आगे कहा कि लाल किले के पास किया गया धमाका लोगों में डर पैदा करने और भारत की एकता एवं संप्रभुता पर हमला करने के उद्देश्य से था।
एनआईए ने रिमांड नोट में सेफ हाउस का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां 20 कार और विस्फोटक छिपाने का पता चला है। आमिर राशिद मीर पुलवामा के संबोर का निवासी है, जिसकी उम्र 24 वर्ष है।
सूत्रों के अनुसार, एनआईए की जांच में सामने आया है कि आमिर ने उमर उन नबी के साथ मिलकर आतंकी हमले की योजना बनाई थी। एक बयान में कहा गया, "आमिर कार खरीदने में मदद करने के लिए दिल्ली आया था, जिसमें विस्फोट हुआ।"
इस आतंकी हमले की जांच में एनआईए को आमिर की गिरफ्तारी के रूप में सफलता मिली। एनआईए ने दिल्ली पुलिस से मामला अपने हाथ में लेने के बाद व्यापक तलाशी अभियान चलाया था।
दिल्ली में लाल किले के निकट 10 नवंबर को हुए कार विस्फोट में कम से कम 12 लोग मारे गए थे, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह विस्फोट फरीदाबाद में आतंकी मॉड्यूल के खुलासे के कुछ घंटे बाद हुआ था, जिसमें डॉक्टर मुजम्मिल और शाहीन समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
कार विस्फोट में शामिल उमर का भी फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल से संबंध सामने आया था। इसके बाद सरकार ने दिल्ली कार विस्फोट को आतंकी हमला मानते हुए जांच एनआईए को सौंपी थी। जांच एजेंसी ने इस मामले में 70 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। इसके अलावा, अन्य लोगों से पूछताछ और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एनआईए की कार्रवाई जारी है।