क्या दिल्ली सरकार के पास वाहनों की संख्या घटाने का ठोस रोडमैप है? - सीएम रेखा गुप्ता

Click to start listening
क्या दिल्ली सरकार के पास वाहनों की संख्या घटाने का ठोस रोडमैप है? - सीएम रेखा गुप्ता

सारांश

दिल्ली सरकार का नया रोडमैप राजधानी में वाहनों की संख्या को कम करने और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय सुझाता है। सीएम रेखा गुप्ता ने साझा परिवहन और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को प्राथमिकता देने की बात की है।

Key Takeaways

  • दिल्ली सरकार का रोडमैप साझा परिवहन को बढ़ावा देता है।
  • वाहनों की संख्या में कमी से वायु प्रदूषण में कमी आएगी।
  • महिला चालकों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
  • ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं।
  • दिल्ली मेट्रो का विस्तार यातायात दबाव कम करेगा।

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सरकार राजधानी में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और यातायात दबाव कम करने के लिए परिवहन क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधारों की दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है।

सरकार का मानना है कि सड़कों पर वाहनों की संख्या को कम किए बिना प्रदूषण को नियंत्रित करना संभव नहीं है। इसी विचार के अंतर्गत साझा परिवहन और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा दिया जा रहा है। दिल्ली सरकार ऑटोमेटेड कमर्शियल व्हीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशनों की संख्या भी बढ़ा रही है, ताकि राजधानी में कोई भी वाहन प्रदूषण न फैला सके। बेहतर यात्री सेवा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार जल्द ही ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क कंपनियों के साथ एक विशेष बैठक आयोजित करने जा रही है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार की परिवहन नीति का मुख्य उद्देश्य यह है कि राजधानी की सड़कों पर वाहनों की संख्या कम रहे, लेकिन यात्रियों की आवाजाही पर किसी प्रकार की असुविधा न हो। सरकार चाहती है कि सीमित संख्या में वाहन अधिक से अधिक यात्रियों को सेवा दें, ताकि यातायात सुगम रहे और प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।

इसी दिशा में ओला, ऊबर जैसी ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क कंपनियों के साथ संवाद किया जा रहा है और उनसे साझा राइडिंग, महिला ड्राइवरों की भागीदारी और पर्यावरण-अनुकूल सेवाओं को प्राथमिकता देने की अपेक्षा की जा रही है। कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली में शेयर टैक्सी सेवाएं उपलब्ध थीं, जिन्हें कुछ कारणों से बंद करना पड़ा था। अब सरकार इन्हें पुनः आरंभ कर यात्रियों को किफायती और सुविधाजनक साझा परिवहन उपलब्ध कराने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस उद्देश्य से ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क कंपनियों के साथ जल्द ही एक विशेष बैठक प्रस्तावित है, जिसमें साझा टैक्सी सेवाओं को पुनः शुरू करने, महिला चालकों की संख्या बढ़ाने और निजी इलेक्ट्रिक वाहनों को टैक्सी सेवा से जोड़ने की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है कि कम संख्या में चलने वाले वाहनों के माध्यम से अधिक यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और किफायती परिवहन उपलब्ध कराया जाए, जिससे सड़कों पर भीड़ घटे और प्रदूषण में कमी आए। यह नीति दिल्ली के लिए दीर्घकालिक, सतत और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन मॉडल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। टैक्सी सेवाओं में महिला चालकों की संख्या बढ़ाने पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है, ताकि महिला यात्रियों को सुरक्षित और भरोसेमंद यात्रा का विकल्प मिल सके।

रेखा गुप्ता के अनुसार, दिल्ली सरकार का स्पष्ट मत है कि राजधानी का हर वाहन प्रदूषण से मुक्त हो। इसके लिए तेजी से ऑटोमेटेड कमर्शियल व्हीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। झुलझुली में फिटनेस सेंटर कार्यरत है, जहां सालाना करीब 70 हजार वाहनों की जांच की जा रही है। बुराड़ी स्थित फिटनेस सेंटर को अपग्रेड किया जा रहा है। नंदनगरी और तेहखंड में दो नए सेंटर बनाए जा रहे हैं, जो अगले वर्ष मार्च से कार्य करना शुरू करेंगे। इन चारों सेंटरों के माध्यम से प्रतिवर्ष ढाई से तीन लाख कमर्शियल वाहनों की फिटनेस जांच संभव होगी। इसके अलावा विभिन्न डीटीसी डिपो में भी पांच ऑटोमेटेड व्हीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जिनके लिए सभी आवश्यक मंजूरियां मिल चुकी हैं। ये स्टेशन बवाना, गाजीपुर, सावदा घेवरा, जीटीके डिपो और दिचाऊं कला में बनाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री के अनुसार, विभिन्न शोध रिपोर्टों में यह स्पष्ट किया गया है कि वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार सार्वजनिक परिवहन को सशक्त करने की दिशा में लगातार निवेश कर रही है। मेट्रो, बस और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को सरकार की दीर्घकालीन परिवहन नीति का आधार बनाया गया है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली मेट्रो के फेज-5ए के कुछ कॉरिडोरों को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है, जिससे भविष्य में मेट्रो नेटवर्क का और विस्तार संभव होगा। मेट्रो नेटवर्क के विस्तार से सड़क यातायात का दबाव कम होगा और प्रदूषण नियंत्रण को स्थायी समाधान मिलेगा।

सीएम रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि वायु प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण केवल तात्कालिक उपायों से संभव नहीं है। इसके लिए सतत, समन्वित और दीर्घकालीन नीतियों पर एक साथ काम किया जा रहा है। धूल प्रदूषण की रोकथाम, निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी, सड़कों की नियमित मैकेनिकल सफाई, अलाव जलाने पर रोक तथा हॉट-स्पॉट क्षेत्रों में मिस्ट स्प्रे सिस्टम और एंटी-स्मॉग गन जैसे उपाय लगातार लागू किए जा रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सभी संबंधित विभागों को सक्रिय मोड में रखा गया है और आपसी समन्वय के साथ कार्य किया जा रहा है।

Point of View

इसे सफल बनाने के लिए नागरिकों और कंपनियों के बीच सहयोग जरूरी है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए दीर्घकालिक नीतियों का होना अत्यंत आवश्यक है।

NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली सरकार का नया परिवहन नीति क्या है?
दिल्ली सरकार का नया परिवहन नीति वाहनों की संख्या कम करने और साझा परिवहन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
साझा परिवहन से वायु प्रदूषण में कैसे कमी आएगी?
साझा परिवहन से कम वाहनों के माध्यम से अधिक यात्रियों को यात्रा करवाकर प्रदूषण में कमी लाई जा सकती है।
क्या महिला चालकों की संख्या बढ़ाई जाएगी?
हाँ, मुख्यमंत्री ने महिला चालकों की संख्या बढ़ाने पर विशेष जोर दिया है।
ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग स्टेशनों का क्या महत्व है?
ये स्टेशन वाहनों की फिटनेस जांच कर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की पहचान करते हैं।
दिल्ली मेट्रो का विस्तार कब होगा?
दिल्ली मेट्रो के फेज-5ए के कुछ कॉरिडोर को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है, जिससे विस्तार संभव है।
Nation Press