क्या दिल्ली विस्फोट में एनआईए को मिली बड़ी सफलता? बिलाल नसीर मल्ला हुआ गिरफ्तार
सारांश
Key Takeaways
- बिलाल नसीर मल्ला की गिरफ्तारी से जांच में तेजी आई है।
- दिल्ली में बम धमाका एक गंभीर आतंकी घटना थी।
- एनआईए विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है।
- इस हमले में 11 लोगों की जान गई थी।
- बिलाल की भूमिका इस साजिश में महत्वपूर्ण थी।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश की राजधानी दिल्ली में पिछले महीने हुए बम धमाके की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। मंगलवार को एनआईए ने एक और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है।
एनआईए की टीम ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला निवासी डॉ. बिलाल नसीर मल्ला को दिल्ली से गिरफ्तार किया। वह इस मामले में गिरफ्तार होने वाला 8वां आरोपी है। एनआईए का कहना है कि विस्फोट में बिलाल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी। जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि बिलाल नसीर मल्ला दिल्ली के लाल किले क्षेत्र में हुए उस भयानक धमाके की साजिश में शामिल था, जिसमें 11 लोगों की जान गई थी और कई लोग घायल हुए थे।
बातचीत में एजेंसी ने बताया कि बिलाल ने मृत आरोपी उमर उन नबी को छिपाने में मदद की और उसे लॉजिस्टिकल सपोर्ट मुहैया कराया। इसके अतिरिक्त, धमाके से जुड़े महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने में भी उसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन गंभीर आरोपों के आधार पर एनआईए उसकी तलाश कर रही थी और मंगलवार को उसे गिरफ्तार किया गया।
एनआईए ने एक बयान में कहा कि यह गिरफ्तारी दिल्ली में हुए घातक आतंकवादी हमले की साजिश को पूरी तरह से उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एनआईए विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर हमले की हर परत को खोलने में जुटी हुई है।
एजेंसी ने यह भी बताया कि वह इस आतंकवादी हमले के पीछे की साजिश की जांच जारी रखे हुए है। यह एंटी-टेरर एजेंसी साजिश के सभी पहलुओं का पता लगाने के लिए कई केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है।
गौरतलब है कि दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए आतंकवादी विस्फोट ने पूरे देश को हिला दिया था। शाम करीब 6:52 बजे एक हाई ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी सफेद हुंडई आई20 कार में जोरदार धमाका हुआ। विस्फोट इतना भयानक था कि कई गाड़ियां जलकर राख हो गईं और पास की दुकानों के शीशे टूट गए। इस विस्फोट में 11 लोगों की जान गई थी और कई लोग घायल हुए थे।
इस पूरे मामले की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है, जिसमें सुसाइड बॉम्बिंग का भी खुलासा हुआ है। मुख्य आरोपी डॉ. उमर, जो अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा था, पुलवामा का निवासी है और उसे आईएसआईएस से प्रेरित बताया जा रहा है।