क्या देशभर में विजयादशमी धूमधाम से मनाई गई?

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क्या देशभर में विजयादशमी धूमधाम से मनाई गई?

सारांश

विजयादशमी के इस पर्व पर देशभर में रावण दहन के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया गया। लाखों लोग इस भव्य समारोह का हिस्सा बने। जानें इस उत्सव के खास पल और सांस्कृतिक महत्व।

Key Takeaways

  • विजयादशमी का पर्व अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
  • लाखों श्रद्धालु इस पर्व का हिस्सा बने।
  • रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतलों का दहन किया गया।
  • आतिशबाजी से माहौल उत्सवमय हो गया।
  • समाज में एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है।

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पूरे देश में विजयादशमी का पर्व उत्साह और भव्यता के साथ मनाया गया। रामलीला मैदानों और सार्वजनिक स्थलों पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशालकाय पुतलों का दहन कर अच्छाई की जीत का संदेश दिया गया। लाखों श्रद्धालु इस पर्व के गवाह बने और आतिशबाजी से पूरा माहौल उत्सवमय हो गया।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दशहरे के कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। हालांकि, कुछ इलाकों में बारिश के कारण रावण दहन में दिक्कतें आईं। बावजूद इसके वसंत कुंज के मसूदपुर डेरी क्षेत्र सहित कई स्थानों पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया।

आयोजकों ने कहा कि इस परंपरा के जरिए हर साल यह संदेश दिया जाता है कि अंत में बुराई का अंत और अच्छाई की विजय होती है।

हरिद्वार के सेक्टर-4 रामलीला ग्राउंड में रावण दहन से पहले हजारों की भीड़ उमड़ी। इस मेले में आसपास के क्षेत्रों से करीब 50 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे। जयकारों और ढोल-नगाड़ों के बीच रावण दहन हुआ और श्रद्धालु पर्व के साक्षी बने।

विजयादशमी पर नागपुर के कस्तूरचंद पार्क में पारंपरिक रावण दहन समारोह का भव्य आयोजन किया गया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने हाथों से रावण का पुतला दहन किया। इस दौरान रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशाल पुतलों को जलाकर समाज में अच्छाई की विजय और राष्ट्रहित में एकजुटता का संदेश दिया गया।

मराठों की चौथी राजधानी कहे जाने वाले सतारा में पारंपरिक विजयादशमी समारोह बड़े उत्साह और शुभ वातावरण में संपन्न हुआ। समारोह की शुरुआत सांसद छत्रपति उदयनराजे भोसले ने जल मंदिर में भवानी तलवार की पूजा से की। इसके बाद पुलिस विभाग ने भवानी तलवार का राजकीय सम्मान किया और परंपरागत रावण दहन संपन्न हुआ।

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा में दशहरे पर 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य मंत्री नारायण सिंह पंवार, एसपी अमित कुमार तोलानी सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।

इसी तरह, भोपाल के टीटी नगर दशहरा मैदान में अच्छाई की जीत का पर्व उत्साहपूर्वक मनाया गया। यहां रावण दहन के साथ आतिशबाजी ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

वाराणसी के मलदहिया में भी रावण का पुतला जलाया गया। लोगों ने आतिशबाजी और धार्मिक उत्साह के साथ दशहरा पर्व मनाया।

Point of View

बल्कि यह समाज में अच्छाई की विजय का प्रतीक भी है। जब हम देखते हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों में लोग इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं, तो यह एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बनता है। यह उत्सव हमें याद दिलाता है कि बुराई का अंत और अच्छाई का उदय हमेशा होता है।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

विजयादशमी का महत्व क्या है?
विजयादशमी का पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। इसे रावण दहन के माध्यम से मनाया जाता है।
रावण दहन कब और कहां होता है?
रावण दहन आमतौर पर दशहरे के दिन पूरे देश में किया जाता है, विशेषकर रामलीला मैदानों में।
विजयादशमी का पर्व कैसे मनाया जाता है?
इस पर्व पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है, और लोग आतिशबाजी करते हैं।
इस साल विजयादशमी कैसे मनाई गई?
इस साल विजयादशमी भव्यता और उत्साह के साथ मनाई गई, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
क्या विजयादशमी पर आतिशबाजी होती है?
जी हां, विजयादशमी पर रावण दहन के साथ आतिशबाजी का आयोजन भी किया जाता है जो माहौल को और भी उत्सवमय बनाता है।