डिटॉक्स क्यों है जरूरी? आयुर्वेद से जानिए इसके कारण और उपाय
सारांश
Key Takeaways
- डिटॉक्स प्रक्रिया से शरीर हल्का होता है।
- आयुर्वेद के अनुसार हल्का भोजन और गर्म पानी फायदेमंद हैं।
- फाइबर युक्त आहार पाचन को सुधारता है।
- देसी नुस्खे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।
- सही सलाह से डिटॉक्स करना सुरक्षित है।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्या आप अपने शरीर को हल्का और ताजगी भरा अनुभव करना चाहते हैं? तो डिटॉक्स (शरीर की सफाई) की आदतें अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है। शरीर की डिटॉक्स प्रक्रिया का मतलब केवल वजन कम करना नहीं है, बल्कि शरीर में जमा गंदगी को धीरे-धीरे बाहर निकालना है।
आयुर्वेद के अनुसार, 'आमा' तब उत्पन्न होता है जब पाचन शक्ति कमजोर होती है, भोजन सही से नहीं पचता, रात में भारी खाना खाया जाता है या बार-बार नाश्ता किया जाता है। जैसे-जैसे आमा बढ़ता है, शरीर में भारीपन, जोड़ों में जकड़न, चेहरे पर सुस्ती और कब्ज जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
इसका समाधान सरल है: हल्का भोजन, गर्म पानी और कुछ विशेष जड़ी-बूटियाँ, जैसे त्रिफला, अदरक, हल्दी और घी। ये पाचन को मजबूत करते हैं और शरीर को धीरे-धीरे साफ करते हैं।
आधुनिक विज्ञान के अनुसार, हाइड्रेशन, फाइबर युक्त खाना और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को प्राकृतिक रूप से साफ रखते हैं। जब लिवर और किडनी सही तरीके से काम करते हैं, तो टॉक्सिन अपने आप बाहर निकल जाते हैं। गर्म पानी मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, हल्दी और अदरक सूजन को कम करते हैं और फाइबर आंतों में जमा गंदगी को बाहर निकालता है।
छोटे-छोटे देसी नुस्खे भी बहुत प्रभावी हैं। सुबह खाली पेट हल्का गर्म पानी पिएं, रात में त्रिफला चूर्ण लें, शहद वाला गर्म पानी पाचन में हल्का होता है, नींबू पानी लिवर को सपोर्ट करता है, जीरे का पानी गैस कम करता है और हल्दी वाला पानी त्वचा और लिवर के लिए फायदेमंद है। गर्म पानी से स्नान करने, हल्का भोजन जैसे खिचड़ी या मूंग दाल लेने से शरीर हल्का महसूस करता है।
खिचड़ी, मौसमी फल, सब्जियों का सूप, छाछ, घी, नींबू, जीरा और अदरक को अपनी डाइट में शामिल करें। तला-भुना, ज्यादा मीठा, ठंडा पानी, रात में दही, बार-बार स्नैक्स और पैक्ड फूड से बचें। छोटे-छोटे रोजमर्रा के बदलाव से शरीर खुद को स्वस्थ महसूस करता है, चेहरे पर चमक आती है, पाचन बेहतर होता है और मूड हल्का हो जाता है।
सावधानी: यह केवल सामान्य जानकारी है। किसी भी आयुर्वेदिक दवा का उपयोग करने से पहले योग्य वैद्य से सलाह अवश्य लें।