क्या शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है?

सारांश
Key Takeaways
- शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है।
- धोखाधड़ी का मामला 60.4 करोड़ रुपए से संबंधित है।
- दीपक कोठारी ने शिकायत दर्ज कराई थी।
- जांच के दौरान पुलिस ने ट्रेवल लॉग की निगरानी की।
- दोनों ने व्यापार बढ़ाने के नाम पर लोन लिया था।
मुंबई, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई पुलिस की आर्थिक शाखा ने बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। इन दोनों पर 60.4 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी से जुड़े मामले में यह कार्रवाई की गई है, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। पहले ही उन्होंने अपने वकील के माध्यम से इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था।
इस वर्ष अगस्त में जुहू पुलिस स्टेशन में शिल्पा और राज कुंद्रा के खिलाफ 60.4 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। यह शिकायत दीपक कोठारी, जो लोटस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज के डायरेक्टर हैं, ने की थी।
जांच के दौरान, मुंबई पुलिस की आर्थिक शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया। पुलिस ने उनके ट्रेवल लॉग की निगरानी की और अब यह नोटिस जारी किया गया है।
धोखाधड़ी के समय के दौरान दोनों के यात्रा स्थानों और पैसों के लेनदेन की जानकारी मुंबई पुलिस ने जुटाई है। ऑडिटर ने कुछ संदेहजनक गतिविधियों का पता लगाया है, इसलिए उनसे पूछताछ के लिए बुलाया गया है। गणेश उत्सव और अन्य कारणों से पूछताछ नहीं हो पाई थी।
दीपक कोठारी ने बताया कि साल 2015 में राजेश आर्य नाम के व्यक्ति ने उनका परिचय शिल्पा और राज से कराया, जो उस समय कंपनी (बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड) के प्रमुख शेयरधारक थे।
आरोप है कि दोनों ने व्यापार बढ़ाने के नाम पर 75 करोड़ रुपए का लोन मांगा, लेकिन बाद में इसे निवेश के रूप में लेने की बात कही। शिल्पा और राज कुंद्रा ने कोठारी को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ मासिक रिटर्न और मूलधन लौटाने का वादा किया।
कोठारी ने अप्रैल 2015 में 31 करोड़ रुपए और सितंबर 2015 में 28 करोड़ रुपए निवेश किए। हालांकि, साल 2016 में शिल्पा ने कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया, जबकि राज कुंद्रा ने व्यक्तिगत गारंटी दी थी।
कोठारी को बाद में पता चला कि साल 2017 में कंपनी के खिलाफ एक समझौते की चूक के कारण दिवालियापन की कार्यवाही शुरू हो गई थी। उनका दावा है कि उनके निवेश का पैसा व्यापार में इस्तेमाल न होकर निजी खर्चों में उड़ा दिया गया।
कोठारी की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।