क्या सीबीआई ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड मामले में केरल और गुजरात से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया?

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क्या सीबीआई ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड मामले में केरल और गुजरात से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया?

सारांश

सीबीआई ने एक बड़े ऑपरेशन चक्र-5 के तहत डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी की है। इस कार्रवाई का उद्देश्य वित्तीय धोखाधड़ी करने वाले अंतरराष्ट्रीय साइबर नेटवर्क को खत्म करना है। क्या यह कार्रवाई ऐसे अपराधों पर लगाम लगाने में सफल होगी? जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • सीबीआई ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।
  • कैसे ये आरोपी अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के साथ मिलकर काम कर रहे थे।
  • ऑपरेशन चक्र-5 के तहत की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी।
  • सीबीआई की विशेष अदालत में आरोपियों की पेशी।
  • सरकार की साइबर सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता।

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड मामले की जांच के तहत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई ऑपरेशन चक्र-5 के अंतर्गत की गई है, जिसका उद्देश्य उन अंतरराष्ट्रीय साइबर नेटवर्कों को नष्ट करना है जो भारतीय नागरिकों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी कर रहे हैं।

सीबीआई द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि एक आरोपी को केरल से और दो आरोपियों को गुजरात से पकड़ा गया है। एजेंसी ने बताया कि इन गिरफ्तारियों से पहले महत्वपूर्ण डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य बरामद किए गए, जिन्होंने इन आरोपियों की साजिश में सक्रिय भूमिका को उजागर किया। जांच में यह सामने आया कि ये आरोपी देश के भीतर वित्तीय चैनलों और अन्य सहयोगी नेटवर्क के जरिए विदेशों में बैठे साइबर अपराधियों की मदद कर रहे थे।

सीबीआई ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों को पहले केरल और गुजरात की स्थानीय अदालतों में पेश किया गया, जहाँ से ट्रांजिट वारंट हासिल करने के बाद उन्हें दिल्ली लाया गया और सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया।

इससे पहले, सीबीआई ने पिछले सप्ताह देशभर में करीब 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह अभियान दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, केरल और पश्चिम बंगाल में चलाया गया था। कार्रवाई के दौरान एजेंसी को महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य मिले थे। इन साक्ष्यों से यह खुलासा हुआ कि भारत में एक संगठित घरेलू नेटवर्क विदेशी साइबर अपराधियों के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के साथ मिलकर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था।

सीबीआई ने कहा कि एजेंसी साइबर-सक्षम वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए इंटेलिजेंस-आधारित सतत कार्रवाई, विभिन्न एजेंसियों के समन्वय, और उन्नत डिजिटल फॉरेंसिक तकनीकों का उपयोग कर रही है। एजेंसी ने यह भी कहा कि वह ट्रांसनेशनल फ्रॉड नेटवर्क्स को तोड़ने और भारतीय नागरिकों की साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Point of View

जो साइबर अपराधों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में उठाया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार ऐसे संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए गंभीर है जो देश की वित्तीय प्रणाली को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

सीबीआई ने कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया?
सीबीआई ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
ये गिरफ्तारियां किस ऑपरेशन के तहत हुईं?
ये गिरफ्तारियां ऑपरेशन चक्र-5 के तहत हुई हैं।
अपराधियों का नेटवर्क किस प्रकार का था?
यह नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के साथ मिलकर वित्तीय धोखाधड़ी कर रहा था।
गिरफ्तार आरोपियों को कहाँ पेश किया गया?
उन्हें केरल और गुजरात की स्थानीय अदालतों में पेश किया गया और फिर दिल्ली लाया गया।
सीबीआई का अगला कदम क्या है?
सीबीआई ट्रांसनेशनल फ्रॉड नेटवर्क्स को तोड़ने और साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।