क्या तमिलनाडु के धर्मराज मंदिर में यमराज की पूजा होती है और कामदेव को मिला था जीवनदान?

Click to start listening
क्या तमिलनाडु के धर्मराज मंदिर में यमराज की पूजा होती है और कामदेव को मिला था जीवनदान?

सारांश

धर्मराज मंदिर, जो यमराज की पूजा का एक अनूठा स्थल है, अपनी अद्भुत कथा और भक्ति से भक्तों को आकर्षित करता है। यहाँ कामदेव को जीवनदान मिला था, जो इस स्थान को और भी महत्वपूर्ण बनाता है। जानिए इस मंदिर की विशेषताएँ और इसके पीछे की रोचक कहानी।

Key Takeaways

  • धर्मराज मंदिर यमराज की पूजा का अनूठा स्थल है।
  • कामदेव को यहाँ पुनर्जीवित किया गया था।
  • यहाँ की पूजा से साधक को अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है।
  • मंदिर की कथा भक्ति और रहस्य से भरी हुई है।
  • यह स्थान आध्यात्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

तंजावुर, १४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हिंदू धर्म में यमराज को न्याय और मृत्यु का देवता माना जाता है जो सभी के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। यमराज को धर्मराज के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन कुछ ही स्थान हैं जहां पर यमराज की पूजा की जाती है। ऐसा एक अद्भुत मंदिर तमिलनाडु में स्थित है।

तमिलनाडु के तंजावुर जिले में स्थित धर्मराज का मंदिर ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मंदिर लगभग एक हजार वर्षों पुराना माना जाता है। यहाँ भैंसे पर सवार यम देवता की भव्य मूर्ति स्थापित है। वर्षों से भक्तगण दूर-दूर से आकर यम देवता के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहाँ आते हैं।

यहाँ यम देवता की पूजा करने से साधक को अकाल मृत्यु के संकट से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही, सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर होते हैं, और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।

मंदिर के पीछे की कथा भी अत्यंत दिलचस्प है। सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि एक बार भगवान शिव ध्यान में थे। उस समय सभी देवता कैलाश पहुंचे और सोचने लगे कि भगवान शिव कब ध्यान से बाहर आएंगे। देवताओं ने सुझाव दिया कि कामदेव को भेजा जाए ताकि भगवान शिव का ध्यान भंग किया जा सके।

कामदेव ने भगवान शिव का ध्यान तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह असफल रहे। भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने तुरंत कामदेव को भस्म कर दिया।

कामदेव के भस्म होने से उनकी पत्नी रति अत्यंत दुखी हो गईं। उन्होंने यम देवता से प्रार्थना की कि कामदेव को पुनर्जीवित किया जाए। धर्मराज ने इस अनुरोध को मानते हुए भगवान शिव से अनुमति प्राप्त की और कामदेव को पुनर्जीवित कर दिया। भगवान शिव ने यमराज को जीवनदान का वरदान दिया। यही वह स्थान है, जहाँ यम देवता ने कामदेव को जीवनदान दिया था। इस कथा के कारण यह मंदिर भक्ति और रहस्य से भरा हुआ माना जाता है।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि धर्मराज मंदिर भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता को दर्शाता है। यह स्थान न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय समाज में मृत्यु और जीवन के चक्र को समझने में भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

धर्मराज मंदिर का क्या महत्व है?
धर्मराज मंदिर यमराज की पूजा का एक अद्वितीय स्थल है, जहाँ भक्तगण यमराज से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
क्या यहाँ कामदेव को जीवनदान मिला था?
हाँ, इस मंदिर में यमराज ने कामदेव को जीवनदान दिया था, जो इस स्थान को विशेष बनाता है।
क्या यहाँ की पूजा से कोई विशेष लाभ होता है?
यहाँ की पूजा करने से साधक को अकाल मृत्यु से मुक्ति और मानसिक शांति मिलती है।