क्या शाहदरा पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त कार्रवाई से अवैध शराब कारोबार में कमी आएगी?

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क्या शाहदरा पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त कार्रवाई से अवैध शराब कारोबार में कमी आएगी?

सारांश

शाहदरा पुलिस और आबकारी विभाग ने मिलकर अवैध शराब के खिलाफ सफल कार्रवाई की। इस दौरान 5840 क्वार्टर शराब और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई त्यौहारी सीजन में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए की गई। क्या इससे अवैध शराब का कारोबार कम होगा?

Key Takeaways

  • 5840 क्वार्टर अवैध शराब जब्त हुई।
  • तीन आरोपियों की गिरफ्तारी।
  • आगामी त्यौहारी सीजन में कानून व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास।
  • जॉनी, मामले का मास्टरमाइंड, फरार।
  • अवैध शराब के कारोबार में कमी लाने का उद्देश्य।

नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। शाहदरा जिला पुलिस की एएसबी सेल ने आबकारी विभाग के साथ मिलकर अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 5840 क्वार्टर अवैध देसी शराब और एक कार को जब्त करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई आगामी त्यौहारी सीजन में कानून व्यवस्था को बनाए रखने और संगठित अपराधों की रोकथाम के उद्देश्य से की गई।

दरअसल, 6-7 सितंबर की रात शाहदरा एएसबी सेल को सूचना मिली थी कि आनंद विहार इलाके के सूरजमल विहार अथॉरिटी के पास अवैध शराब की खेप लाई जा रही है। सूचना के बाद एसआई अजय तोमर, शाहदरा एएसबी सेल के इंचार्ज के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। इस कार्रवाई की देखरेख एसीपी ऑपरेशन मोहिंदर सिंह ने की, जबकि शाहदरा डीसीपी ने इसकी निगरानी की। टीम में एएसआई राजकुमार, हेड कांस्टेबल सचिन, नवदीप, कुमार दिव्य वत्स, रोहित, सोनू, मनीष और कांस्टेबल सौरव शामिल थे।

इसी दौरान आबकारी विभाग की टीम भी वाहन को ट्रैक कर रही थी। आबकारी इंस्पेक्टर इंदरपाल, हेड कांस्टेबल अमृत और महिला हेड कांस्टेबल नीलम मौके पर पहुंचे और संयुक्त प्रयासों से पुलिस ने आरोपी कमल (26), निवासी जेलोर वाला बाग, अशोक विहार, दिल्ली को पकड़ लिया। उसके कब्जे से भारी मात्रा में अवैध शराब और वाहन बरामद किया गया। इस संबंध में आनंद विहार थाने में एफआईआर संख्या 407/25 दर्ज की गई है।

पूछताछ में कमल ने कबूल किया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले का रहने वाला है और पेशे से ड्राइवर है। बेरोजगारी के चलते वह करीब 2-3 महीने पहले वजीरपुर में जॉनी और किशन उर्फ सुदामा से मिला था। उन्होंने उसे 20 हजार मासिक वेतन पर अवैध शराब सप्लाई करने का काम दिया। जॉनी हरियाणा से शराब लाता था और कमल व किशन उर्फ सुदामा के जरिए दिल्ली में सप्लाई कराता था।

पुलिस ने आगे की जांच में किशन कुमार उर्फ सुदामा (24), निवासी बुराड़ी और मूल निवासी मुंगेर, बिहार को भी गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों ने बताया कि 6 सितम्बर को जॉनी ने 122 कार्टन शराब कुंडली में भेजी थी, जिसे टाटा ऐस में डालकर दिल्ली लाया गया। इस खेप में से 6 कार्टन राजीव उर्फ़ मोनू को शक्ति नगर की गुड़ मंडी में पहुंचाई गई थी। इसके आधार पर पुलिस ने राजीव उर्फ मोनू (38), निवासी शक्ति नगर, दिल्ली को भी गिरफ्तार किया। उसके पास से 40 क्वार्टर 'रेस 7 – फॉर सेल इन हरियाणा ओनली' शराब बरामद हुई।

छापेमारी के दौरान कुल 5,000 क्वार्टर (100 पेटी) देशी शराब ‘संतरा’, 440 क्वार्टर (8 पेटी)रेस-7’, 400 क्वार्टर (8 पेटी)नाइट ब्लू’ और सप्लाई के लिए उपयोग की जाने वाली कार बरामद की गई।

आरोपी कमल 10वींआबकारी अधिनियम के तहत पकड़ा जा चुका है। राजीव उर्फ मोनू के खिलाफ पहले से तीन केस दर्ज हैं।

पुलिस ने बताया कि इस मामले का मास्टरमाइंड जॉनी फिलहाल फरार है। हरियाणा के सोनीपत जिले के असावरपुर स्थित उसके घर पर छापा मारा गया, लेकिन वह वहां नहीं मिला। उसकी तलाश और बाकी खेप की बरामदगी के प्रयास जारी हैं। शाहदरा पुलिस ने कहा कि त्योहारों से पहले अवैध शराब और संगठित अपराधों के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा ताकि कानून व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा बनी रहे।

Point of View

तो कानून के हाथ लंबे होते हैं। ऐसे अभियानों से न केवल अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगता है, बल्कि समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी मदद मिलती है। यह एक सकारात्मक कदम है, जो हमें सुरक्षित और संगठित समाज की ओर ले जाता है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

शाहदरा पुलिस ने कितनी अवैध शराब जब्त की?
शाहदरा पुलिस ने 5840 क्वार्टर अवैध शराब जब्त की।
इस कार्रवाई में कितने आरोपी गिरफ्तार हुए?
इस कार्रवाई में तीन आरोपी गिरफ्तार हुए।
यह कार्रवाई क्यों की गई?
यह कार्रवाई आगामी त्यौहारी सीजन में कानून व्यवस्था बनाए रखने और संगठित अपराधों की रोकथाम के उद्देश्य से की गई।
क्या गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक इतिहास है?
कमल का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, जबकि किशन कुमार उर्फ सुदामा पहले भी दो बार पकड़ा जा चुका है।
इस मामले का मास्टरमाइंड कौन है?
इस मामले का मास्टरमाइंड जॉनी है, जो फिलहाल फरार है।