क्या जम्मू-कश्मीर में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए डोडा में किसानों को ट्रेनिंग दी गई?

Click to start listening
क्या जम्मू-कश्मीर में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए डोडा में किसानों को ट्रेनिंग दी गई?

सारांश

डोडा में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 114 से अधिक किसान उद्यमियों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों को डिजिटल उपकरणों से सशक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। जानिए इस कार्यक्रम के लाभ और किसानों की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • कृषि उद्यमियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
  • किसानों को डिजिटल उपकरणों से सशक्त बनाया गया।
  • किसान खिदमत घरों की स्थापना से रोजगार के अवसर बढ़े।
  • 29 परियोजनाओं के तहत किसानों को योजनाओं का लाभ उठाने का अवसर मिला।
  • उपायुक्त ने कृषि विभाग के प्रयासों की सराहना की।

डोडा, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू और कश्मीर में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने समग्र कृषि विकास कार्यक्रम (एचएडीपी) के अंतर्गत कृषि उद्यमियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें 114 से अधिक कृषि उद्यमियों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्र की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कृषि उद्यमियों को ज्ञान, नवाचार और डिजिटल उपकरणों से सशक्त बनाना था। कार्यक्रम में उपायुक्त हरविंदर सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान एचएडीपी के नोडल अधिकारी सुशील रतन शर्मा ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "हमने डोडा जिले में 115 किसान खिदमत घर स्थापित किए हैं, जिनमें 115 किसान उद्यमियों को रोजगार मिला है। कार्यक्रम में 114 किसानों ने भाग लिया। किसी कारण से 1 किसान भाग नहीं ले पाया। हमने किसान उद्यमियों के कौशल को बढ़ाने और उनके कृषि-संबंधी व्यवसायों को आगे बढ़ाने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया है।"

उन्होंने कहा कि हमारा मकसद है कि किसानों को इसका पूरा फायदा मिले। किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए इफको के अधिकारियों को बुलाकर बात की गई है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कृषि उद्यम के अध्यक्ष अर्पण सिंह ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "पहले किसानों को योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कई दरवाजों पर जाना पड़ता था, लेकिन अब इस योजना में 29 परियोजनाएं शामिल हैं, यानी 129 योजनाएं। किसान इन योजनाओं के तहत हर चीज का लाभ उठा सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी को डेयरी फार्म, पॉलीहाउस, पोल्ट्री फार्म या कोई मशीन चाहिए तो वे यहां से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।"

कार्यक्रम में जिले के कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में डिजिटल भुगतान की सुविधा और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए कृषि उद्यमियों के बीच सीएससी ऑनबोर्डिंग डिवाइस और पीओएस मशीनें भी लोगों को दी गई हैं।

उपायुक्त हरविंदर सिंह ने कृषि विभाग के प्रयासों और कृषि उद्यमियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी की सराहना की। उन्होंने नवीन और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने, किसान खिदमत घरों (केकेजी) और सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) के माध्यम से डिजिटल सेवाओं को एकीकृत करने और ग्रामीण विकास के लिए उद्यमिता को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।

Point of View

बल्कि क्षेत्र के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषि उद्यमियों को ज्ञान, नवाचार और डिजिटल उपकरणों से सशक्त बनाकर कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करना था।
कितने किसानों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया?
इस कार्यक्रम में कुल 114 किसानों ने भाग लिया।
किसान खिदमत घरों की स्थापना का क्या लाभ है?
किसान खिदमत घरों की स्थापना से किसानों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं और वे योजनाओं का लाभ आसानी से उठा सकते हैं।