क्या डूसू चुनाव की मतगणना में एबीवीपी-एनएसयूआई के बीच कड़ा मुकाबला है?

सारांश
Key Takeaways
- मतगणना उत्तर परिसर में शुरू हुई है।
- कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है।
- एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच मुख्य मुकाबला है।
- मतदाता संख्या 2.8 लाख से अधिक है।
- दिल्ली हाई कोर्ट ने विजय रैली पर प्रतिबंध लगाया है।
नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव 2025 की मतगणना उत्तर परिसर में स्थित यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स स्टेडियम के मल्टीपर्पज हॉल में शुक्रवार सुबह 8 बजे से आरंभ हो चुकी है। मतगणना स्थल और उसके आस-पास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
उत्तर परिसर में 600 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें 160 अधिकारी बॉडी कैमरों से लैस हैं। इसके अतिरिक्त, पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था की गई है ताकि प्रक्रिया निर्बाध रूप से संपन्न हो सके।
छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और सह-सचिव पद के लिए कुल 21 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और कांग्रेस समर्थित नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के बीच माना जा रहा है। इसके अलावा, वामपंथी गठबंधन (आइसा-एसएफआई) भी चुनावी समीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
अध्यक्ष पद पर एबीवीपी से आर्यन मान, एनएसयूआई से जॉस्लिन नंदिता चौधरी और एसएफआई-आइसा गठबंधन से अंजलि मुख्य दावेदार माने जा रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान फीस वृद्धि, हॉस्टल की मांगें, सस्ती यात्रा व्यवस्था और छात्रों के लिए बेहतर सुविधाएं जैसे मुद्दे प्रमुखता से उठाए गए हैं।
चुनाव में 2.8 लाख से अधिक छात्र मतदाता सूची में शामिल थे, जिनमें से लगभग 39.45 प्रतिशत छात्रों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। मतदान 52 कॉलेजों में दो चरणों में हुआ और इसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का उपयोग किया गया।
परिणामों की घोषणा से पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने विजयी उम्मीदवारों द्वारा किसी भी विजय रैली पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस, विश्वविद्यालय प्रशासन और स्थानीय प्रशासन को किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम करने का निर्देश दिया है।
हर किसी की निगाहें अब मतगणना पर टिकी हैं और यह देखने का इंतजार है कि डूसू की बागडोर किस छात्र संगठन के हाथों में जाती है।