क्या योगासन तनाव और थकान को दूर कर सकते हैं, क्या नींद होगी पहले से बेहतर?

सारांश
Key Takeaways
- योगासन से तनाव में कमी आती है।
- नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।
- मस्तिष्क को शांति मिलती है।
- शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- योग से मानसिक स्वास्थ्य को भी लाभ होता है।
नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान जीवनशैली के कारण नींद की समस्याएं, जैसे कि अनिद्रा, आजकल बहुत से लोगों के लिए एक सामान्य चुनौती बन गई हैं। नींद की कमी न केवल हमारे मस्तिष्क को थका देती है, बल्कि यह हमारे शरीर में कई अन्य समस्याओं को भी जन्म दे सकती है। यदि आप भी दिनभर थकान महसूस करते हैं और रात को सोने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं, तो योग आपके लिए एक अद्भुत समाधान हो सकता है।
योग केवल शरीर को विश्राम नहीं देता, बल्कि मन को भी शांत करता है, जिससे आपकी नींद गहरी और सुकून भरी होती है।
उत्तानासन :- यह योगासन आपके शरीर को बेहतर खिंचाव देता है, जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और मस्तिष्क भी ताजगी महसूस करता है। इस आसन से रक्त संचार में सुधार होता है, जो मन को शांति प्रदान करता है और तनाव को कम करता है, जिससे नींद जल्दी आती है और गहरी होती है। इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं, फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएं। आपके सिर और शरीर को एक सीध में होना चाहिए, अर्थात् झुकते वक्त कमर में मोड़ नहीं होना चाहिए। आपकी हथेलियां जमीन को छुएं, और घुटने बिलकुल सीधे रहें। इस स्थिति में लगभग 30 सेकंड तक बने रहें।
बालासन :- यह आसन मानसिक शांति प्रदान करता है, जिससे शरीर तनावमुक्त होता है और नींद में सुधार होता है। इसमें घुटनों को मोड़कर एड़ियों पर बैठना होता है, फिर सांस खींचते हुए आगे झुकना होता है, ताकि आपका सिर दोनों घुटनों के बीच आराम से टिक सके। साथ ही, दोनों हाथों को आगे की तरफ फैलाना होता है। इस स्थिति में आपकी कोहनियां और घुटने एक सीध में होते हैं, जिससे शरीर को पूरा आराम मिलता है।
वक्रासन :- यह आसन रीढ़ की हड्डी को अच्छे से आराम देता है और मांसपेशियों की अकड़न को दूर करता है। इससे शरीर में रक्त प्रवाह में सुधार होता है और दिमाग को शांति मिलती है, जिससे अनिद्रा की समस्या कम होती है। इस योगासन में जमीन पर घुटनों और पंजों को टिकाकर, धीरे-धीरे अपने हाथों को पीछे की ओर उठाकर फर्श पर रखना होता है। फिर दाहिने घुटने को बाएं पैर की ओर दबाते हुए शरीर को खिंचाव देना होता है और कुछ समय इस स्थिति में बने रहना होता है। फिर इसी तरह दूसरी ओर भी यह प्रक्रिया दोहराई जाती है।