क्या पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह की जयंती पर बेंगलुरु में शोध केंद्र और पुस्तकालय का उद्घाटन हुआ?

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क्या पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह की जयंती पर बेंगलुरु में शोध केंद्र और पुस्तकालय का उद्घाटन हुआ?

सारांश

बेंगलुरु में पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह की 93वीं जयंती पर एक शोध केंद्र और पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर कांग्रेस के प्रमुख नेता शामिल हुए। जानें इस विशेष समारोह की प्रमुख बातें और डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को कैसे याद किया गया।

Key Takeaways

  • बेंगलुरु में डॉ. मनमोहन सिंह का शोध केंद्र और पुस्तकालय स्थापित हुआ।
  • इस केंद्र का उद्देश्य उनके योगदान को संरक्षित करना है।
  • सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने इस समारोह में भाग लिया।
  • डॉ. सिंह के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधार किए।
  • उनकी विरासत आज भी प्रेरणा का स्रोत है।

नई दिल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह की 93वीं जयंती के अवसर पर बेंगलुरु में उनके सम्मान में एक नया शोध केंद्र और पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर उद्घाटन समारोह की तस्वीरें साझा की।

इस समारोह में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। उद्घाटन समारोह में स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह की पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा के विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी उपस्थित रहे।

डॉ. मनमोहन सिंह शोध केंद्र और पुस्तकालय का उद्देश्य उनके आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक योगदान को संरक्षित करना और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनाना है। यह केंद्र बेंगलुरु में स्थापित किया गया है। सोनिया गांधी ने कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत को आर्थिक प्रगति के पथ पर ले जाने में अभूतपूर्व योगदान दिया। यह शोध केंद्र उनके दृष्टिकोण को जीवंत रखेगा और नई पीढ़ी को उनके कार्यों से प्रेरणा लेने का अवसर देगा।"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने डॉ. सिंह को याद करते हुए कहा कि उनकी नीतियों ने भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया। खड़गे ने 'एक्स' पर लिखा, "हम राष्ट्र निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को याद करते हैं। वे भारत के आर्थिक परिवर्तन के एक सौम्य निर्माता थे। विनम्रता और बुद्धिमत्ता के धनी, वे शांत और गरिमापूर्ण व्यवहार करते थे और अपने कार्यों से अपनी बातों को ज़्यादा प्रभावशाली बनाते थे। आर्थिक सुधारों के उनके दृष्टिकोण ने अवसरों के नए द्वार खोले, एक समृद्ध मध्यम वर्ग का निर्माण किया और अनगिनत परिवारों को गरीबी से बाहर निकाला।"

उन्होंने लिखा, "वे निष्पक्षता और समावेशिता में गहराई से विश्वास करते थे और यह सुनिश्चित करते थे कि लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले कल्याणकारी उपायों के माध्यम से विकास और करुणा साथ-साथ चलें। उनके नेतृत्व ने हमें दिखाया कि सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी न केवल संभव है, बल्कि शक्तिशाली भी है। भारत की पीढ़ियों के लिए, वे ईमानदारी, बुद्धिमत्ता और राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा के एक चिरस्थायी प्रतीक बने रहेंगे। एक मजबूत और अधिक समावेशी भारत की आकांक्षाओं में उनकी विरासत जीवित रहेगी। उनकी जयंती पर हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।

राहुल गांधी ने भी पूर्व प्रधानमंत्री के शांत और सौम्य नेतृत्व को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन और कार्य हम सभी के लिए प्रेरणा है। यह केंद्र उनके विचारों को बढ़ावा देगा और देश के विकास में योगदान देगा। उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की जयंती पर उन्हें मेरा सादर नमन। राष्ट्र निर्माण के प्रति उनकी अटूट निष्ठा, गरीबों और वंचितों के लिए उनके साहसिक निर्णय, और मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में उनका ऐतिहासिक योगदान हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। उनकी सादगी, विनम्रता और ईमानदारी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

Point of View

यह कहना आवश्यक है कि डॉ. मनमोहन सिंह की नीतियों ने भारत को आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया। उनकी जयंती पर आयोजित यह समारोह न केवल उनके योगदान को याद करने का एक अवसर है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने का भी। यह केंद्र उनके विचारों को जीवित रखेगा और आज के युवाओं को मार्गदर्शन देगा।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान क्या है?
डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत की आर्थिक नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव किए और देश को वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया।
बेंगलुरु में उद्घाटन कब हुआ?
बेंगलुरु में डॉ. मनमोहन सिंह की 93वीं जयंती पर 26 सितंबर को उद्घाटन हुआ।
इस शोध केंद्र का उद्देश्य क्या है?
इस शोध केंद्र का उद्देश्य डॉ. मनमोहन सिंह के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक योगदान को संरक्षित करना है।