क्या दुलारचंद यादव की मृत्यु गोली लगने से नहीं हुई?

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क्या दुलारचंद यादव की मृत्यु गोली लगने से नहीं हुई?

सारांश

मोकामा में दुलारचंद यादव हत्या मामले में नया मोड़ सामने आया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उनकी मौत अंदरूनी चोट के कारण हुई। इस रिपोर्ट ने पूरे मामले में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। जानिए क्या है इस मामले का सच और पुलिस की जांच का क्या है हाल।

Key Takeaways

  • दुलारचंद यादव की मौत की असली वजह अंदरूनी चोट बताई गई है।
  • पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है।
  • स्थानीय राजनीतिक तनाव इस हत्या का कारण बन सकता है।

पटना, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मोकामा में दुलारचंद यादव हत्याकांड ने एक नया मोड़ ले लिया है। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने यह स्पष्ट किया है कि दुलारचंद यादव की मृत्यु गोली लगने के कारण नहीं हुई।

दरअसल, दुलारचंद यादव के पोस्टमार्टम के लिए तीन डॉक्टरों का एक पैनल बनाया गया था, जिसमें डॉक्टर अजय कुमार का नाम भी शामिल था।

डॉक्टर अजय कुमार सिंह ने कहा कि उनके शरीर पर गंभीर जख्म पाए गए हैं, साथ ही अंदरूनी चोट भी है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि मृत्यु का कारण चोट है।

डॉक्टर ने जानकारी दी कि गोली बाएं पैर में जॉइंट के पास लगी हुई है और यह आर-पार हो गई है। उनका मानना है कि यह एक ऐसा जख्म नहीं है जो जानलेवा हो। हालांकि, अंदरूनी चोट के कारण ही मृत्यु हुई होगी। डॉक्टरों का कहना है कि इस प्रकार की गोली से मौत होना संभव नहीं है। पोस्टमार्टम के पूर्व मृत शरीर का एक्स-रे भी कराया गया था।

डॉक्टर ने बताया कि पैनल सभी सबूतों को ध्यान में रखते हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करेगा।

सूत्रों के अनुसार, जन सुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार कर रहे थे जब उनके काफिले पर कुछ लोगों ने लाठी-डंडे से हमला किया। आरोप है कि भीड़ में से किसी ने गोली चलाई, जो दुलारचंद यादव को लगी, जिससे उनकी मृत्यु हुई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग ने बताया कि हाल ही में पत्थरबाजी और हमले की घटनाओं में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया गया है। मौके पर पुलिस तैनात है।

दुलारचंद यादव हत्याकांड में मृतक के पोते ने पांच आरोपियों की पहचान की है। शुरुआती जांच में दुलारचंद की बॉडी पर गोली का निशान पाया गया था।

यह भी उल्लेखनीय है कि दुलारचंद यादव कभी लालू प्रसाद यादव के करीबी सहयोगी माने जाते थे और 1990 के दशक में राजद के जमीनी कार्यकर्ताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हाल के वर्षों में उन्होंने जन सुराज आंदोलन की ओर रुख किया और पीयूष प्रियदर्शी के साथ उनके घनिष्ठ संबंध बन गए।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि दुलारचंद मोकामा ताल क्षेत्र में अपने सामाजिक कार्यों और राजनीतिक संबंधों के लिए जाने जाते थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह झड़प पुरानी रंजिश और चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय स्तर पर वर्चस्व की होड़ के कारण हुई होगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि दुलारचंद यादव की हत्या ने स्थानीय राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कानून का शासन कायम रहे और दोषियों को सजा मिले।
NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

दुलारचंद यादव की हत्या कैसे हुई?
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उनकी हत्या अंदरूनी चोट के कारण हुई, न कि गोली लगने से।
क्या पुलिस ने इस मामले में कोई गिरफ्तारी की है?
हां, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ आरोपियों की पहचान की गई है।