क्या नितिन गडकरी का दिमाग 200 करोड़ रुपए प्रति माह का है?

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क्या नितिन गडकरी का दिमाग 200 करोड़ रुपए प्रति माह का है?

सारांश

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इथेनॉल-ब्लेंडेड पेट्रोल प्रोग्राम की आलोचना को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने अपने दिमाग की कीमत 200 करोड़ रुपये प्रति माह बताई और कहा कि उनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है। जानिए इस कार्यक्रम में उन्होंने और क्या कहा।

Key Takeaways

  • गडकरी का दिमाग 200 करोड़ रुपये प्रति माह का है।
  • इथेनॉल-ब्लेंडेड पेट्रोल प्रोग्राम को राजनीति से प्रेरित बताया गया।
  • किसानों की आय में वृद्धि हुई है।
  • इथेनॉल उत्पादन से प्रदूषण में कमी आई है।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने ई20 ईंधन की वैधता को स्वीकार किया।

नागपुर, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को सरकार के इथेनॉल-ब्लेंडेड पेट्रोल प्रोग्राम की आलोचना को राजनीति से प्रेरित बताया। गडकरी ने कहा कि उनका दिमाग '200 करोड़ रुपये प्रति माह' का है और उनके पास पैसों की कोई कमी नहीं है।

नागपुर में एग्रीकोस वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "मेरा दिमाग 200 करोड़ रुपये प्रति माह का है। मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है और मैं नीचे नहीं गिरता।"

उनकी यह टिप्पणी इथेनॉल-ब्लेंडेड पेट्रोल के लिए सरकार के प्रयासों की आलोचना के बीच आई है। सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि 20 प्रतिशत इथेनॉल ई20 ब्लेंडेड पेट्रोल एक स्वच्छ ईंधन है और इसने किसानों को गन्ना और मक्का जैसी अपनी फसलों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाया है।

आलोचकों का आरोप है कि इस प्रोग्राम से पानी की कमी होगी और वाहनों को नुकसान होगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि दो प्रमुख इथेनॉल कंपनियां गडकरी के बेटों द्वारा संचालित हैं।

गडकरी ने सीधे तौर पर इस विवाद का जिक्र किए बिना कहा, "मैं अपने बेटों को सुझाव देता हूं, लेकिन धोखाधड़ी का सहारा नहीं लेता।"

मंत्री ने कहा, "हाल ही में, मेरे बेटे ने ईरान से 800 कंटेनर सेब आयात किए और भारत से ईरान को 1,000 कंटेनर केले निर्यात किए। ईरान के साथ कोई मौद्रिक लेनदेन नहीं है। मेरा बेटा आयात-निर्यात का काम करता है। मेरे पास एक चीनी मिल, एक डिस्टिलरी और एक बिजली संयंत्र भी है। मैं निजी लाभ के लिए कृषि में कोई प्रयोग नहीं कर रहा हूं।"

गडकरी ने स्थानीय सब्जी विक्रेताओं को नागपुर में फल मॉल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के अपने प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल शहर के प्रमुख स्थानों पर सीधी बिक्री को सक्षम बनाकर व्यापारियों और किसानों को सशक्त बनाती है। उन्होंने कहा, "मैं यह सब अपनी कमाई के लिए नहीं कर रहा हूं। मेरी आय पर्याप्त है। मेरे दिमाग की कीमत 200 करोड़ रुपये प्रति माह है। मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है।" उन्होंने आगे कहा कि उनके व्यावसायिक सुझाव लाभ से नहीं, बल्कि विकास से प्रेरित हैं।

दिल्ली में भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माताओं के वार्षिक सम्मेलन में गडकरी ने कहा कि सभी परीक्षणों से पुष्टि हुई है कि 20 प्रतिशत इथेनॉल-ब्लेंडेड (ई20) पेट्रोल के रोलआउट में कोई समस्या नहीं है।

मंत्री ने कहा कि गन्ना, मक्का और चावल से इथेनॉल के उत्पादन से इन फसलों की कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है।

उन्होंने बताया कि अकेले मक्का के मामले में, इथेनॉल उत्पादन के लिए इनपुट के रूप में उपयोग की अनुमति मिलने के बाद फसल की बढ़ती मांग और कीमत में वृद्धि के कारण किसानों ने 45,000 करोड़ रुपये कमाए हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि इथेनॉल-ब्लेंडेड से प्रदूषण में कमी आई है, और यह मुद्दा जी 20 सम्मेलन में भी उठा था, जिससे पता चलता है कि इस सफलता के प्रति जागरूकता को दुनिया भर में स्वीकार किया गया है।

गडकरी ने आगे कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने ई20 ईंधन की वैधता और सुरक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है।

Point of View

राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह विषय न केवल कृषि विकास से जुड़ा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक कदम है। सरकार की नीतियों को समझने के लिए इस विषय पर चर्चा अवश्य होनी चाहिए।
NationPress
14/09/2025

Frequently Asked Questions

नितिन गडकरी ने अपने दिमाग की कीमत क्यों बताई?
गडकरी ने कहा कि उनका दिमाग 200 करोड़ रुपये प्रति माह का है, यह दर्शाने के लिए कि उनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है और वे अपनी योजनाओं में विश्वास रखते हैं।
इथेनॉल-ब्लेंडेड पेट्रोल प्रोग्राम में क्या समस्याएं हैं?
आलोचकों का मानना है कि इस प्रोग्राम से पानी की कमी और वाहनों को क्षति हो सकती है।
गडकरी ने अपने बेटों के व्यवसाय पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि वे अपने बेटों को सुझाव देते हैं, लेकिन धोखाधड़ी का सहारा नहीं लेते।