क्या ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की?
सारांश
Key Takeaways
- रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की गई।
- संजय भंडारी से जुड़े विदेशी वित्तीय लेनदेन की जांच चल रही है।
- ईडी ने 43 अचल संपत्तियां अटैच की हैं।
नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लंदन में रह रहे भगोड़े डिफेंस डीलर संजय भंडारी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और व्यापारी रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट पेश की है।
यह दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रस्तुत की गई। अधिकारियों के अनुसार, पीएमएलए के तहत वाड्रा का बयान इस साल जुलाई में दर्ज किया गया था।
इस सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर अदालत 6 दिसंबर को सुनवाई करेगी। इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा को नौवां आरोपी बनाया गया है। फिलहाल कोर्ट ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया है।
फेडरल एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ने रॉबर्ट वाड्रा के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन और संजय भंडारी से जुड़ी संपत्तियों से संबंध का आरोप लगाया है, जिन पर विदेश में बेनामी संपत्ति छिपाने का आरोप है।
संजय भंडारी 2016 में भारत छोड़कर भाग गया था। तब से दिल्ली की एक कोर्ट ने उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया है।
ईडी की जांच 2016 में भंडारी पर हुई आयकर रेड से शुरू हुई, जिसमें कथित तौर पर वाड्रा और उनके साथियों के साथ उसके संबंध दर्शाने वाले ई-मेल और दस्तावेज मिले थे।
ईडी ने पहले भी भारत में कई संपत्तियों को अटैच किया है, जिन्हें वाड्रा या उनसे संबंधित संस्थाओं से जोड़ा गया है, और कहा है कि ये भंडारी के ऑफशोर लेनदेन से आय की गई संपत्तियां हैं।
इस बीच, ईडी ने एक स्पेशल कोर्ट को बताया कि वाड्रा को गुरुग्राम में एक गलत जमीन डील से 58 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।
इसमें से 53 करोड़ रुपए स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी और 5 करोड़ रुपए ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग के माध्यम से आए।
ईडी ने कहा कि इन पैसों का उपयोग वाड्रा ने कथित तौर पर अचल संपत्ति खरीदने, निवेश करने, लोन देने और अपनी समूह कंपनियों की देनदारियों को निपटाने के लिए किया।
अपनी जांच के हिस्से के रूप में केंद्रीय एजेंसी ने 38.69 करोड़ रुपए
एजेंसी द्वारा सूचीबद्ध संपत्तियों में राजस्थान के बीकानेर में जमीन, गुरुग्राम के गुड अर्थ सिटी सेंटर में यूनिट, मोहाली के बेस्टेक बिजनेस टावर में यूनिट और अहमदाबाद के जय अम्बे टाउनशिप में आवासीय यूनिट शामिल हैं।