क्या ईडी ने एचएसवीपी घोटाले में पूर्व विधायक को आरोपी बनाया?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने एचएसवीपी घोटाले में चार्जशीट दाखिल की।
- पूर्व विधायक राम निवास का नाम शामिल है।
- हेराफेरी की राशि 225.51 करोड़ रुपए है।
- गंभीर आरोपों की जांच जारी है।
- इस मामले ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है।
चंडीगढ़, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) घोटाले से संबंधित मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व विधायक और कुछ पूर्व अधिकारियों के विरुद्ध चार्जशीट प्रस्तुत की है। यह मामला एचएसवीपी के बैंक खातों में सरकारी धनराशि की हेराफेरी से जुड़ा हुआ है।
प्रवर्तन निदेशालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा, "ईडी, चंडीगढ़ ने पीएमएलए, 2002 के अंतर्गत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) (जिसे पहले हुडा कहा जाता था) के पूर्व अधिकारियों सुनील कुमार बंसल, राम निवास और अन्य आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की है।"
पंचकूला स्थित पीएमएलए विशेष न्यायालय में एचएसवीपी के बैंक खातों में 225.51 करोड़ रुपए की सरकारी धनराशि की हेराफेरी के मामले में यह चार्जशीट प्रस्तुत की गई है। राम निवास, जो 2019-2024 के दौरान हरियाणा से विधायक रहे, भी इस मामले में आरोपी हैं।
ईडी की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि पूर्व विधायक और खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के चेयरमैन रहे राम निवास ने घोटाले के धन से चुनाव लड़ा। उन्होंने हेराफेरी की गई धनराशि से विधानसभा चुनाव का टिकट प्राप्त किया और चुनाव प्रचार में खर्च किया।
जब यह फर्जीवाड़ा 2015 से 2019 के बीच हुआ, तब राम निवास 2017 तक और सुनील कुमार बंसल 2019 तक एचएसवीपी में अकाउंट असिस्टेंट और सीनियर अकाउंट ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे।
इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने राम निवास के 10 करीबियों के बयान दर्ज किए हैं, जिनके बैंक खाते में 160 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे।