क्या ईडी ने 307 करोड़ के एमएलएम घोटाले में मैक्सिजोन टच के डायरेक्टर और पत्नी को गिरफ्तार किया?

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क्या ईडी ने 307 करोड़ के एमएलएम घोटाले में मैक्सिजोन टच के डायरेक्टर और पत्नी को गिरफ्तार किया?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने 307 करोड़ रुपये के मल्टी-लेवल मार्केटिंग घोटाले में मैक्सिजोन टच के निदेशक चंदर भूषण सिंह और उनकी पत्नी प्रियंका को गिरफ्तार किया है। जानिए इस बड़े घोटाले के पीछे की कहानी और ईडी की जांच के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • ईडी ने 307 करोड़ रुपये के घोटाले में कार्रवाई की।
  • आरोपी पिछले तीन वर्षों से फरार थे।
  • जांच में कई जाली दस्तावेज और संपत्तियां जब्त की गईं।
  • सार्वजनिक धन की सुरक्षा के लिए सख्त कदम आवश्यक हैं।
  • मल्टी-लेवल मार्केटिंग योजनाओं की पहचान सतर्कता से करें।

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स मैक्सिजोन टच प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक चंदर भूषण सिंह और उनकी पत्नी प्रियंका को 307 करोड़ रुपए के मल्टी-लेवल मार्केटिंग घोटाले में गिरफ्तार किया है।

प्रवर्तन निदेशालय के रांची जोनल ऑफिस ने 16 दिसंबर को मेसर्स मैक्सिजोन टच प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक चंदर भूषण सिंह और उनकी पत्नी प्रियंका को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया है। आरोपियों को जनता के पैसे के गबन से जुड़े एक बड़े वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

पीएमएलए के तहत जांच में पता चला है कि आरोपियों ने एक धोखाधड़ी वाली मल्टी-लेवल मार्केटिंग योजना चलाई, जिसमें आम जनता को ऊंचे मासिक रिटर्न और आकर्षक रेफरल लाभ का वादा करके लुभाया गया। इस तरीके से उन्होंने कम से कम 21 बैंक खातों में 307 करोड़ रुपए से ज्यादा की अनधिकृत जमा राशि इकट्ठा की, जिससे भारी मात्रा में अपराध की कमाई हुई।

जांच में आगे पता चला कि आरोपी निदेशक, चंदर भूषण सिंह और प्रियंका सिंह, बाद में जनता के पैसे लेकर फरार हो गए। पिछले तीन वर्षों से वे जानबूझकर झारखंड, राजस्थान और असम पुलिस सहित कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बच रहे थे।

जांच में सामने आया कि आरोपियों ने बेनामी लेनदेन के जरिए कई रियल एस्टेट संपत्तियां खरीदकर और जमा राशि को नकदी में बदलकर अवैध धन को वैध करने की कोशिश की। अपनी पहचान छिपाने और गिरफ्तारी से बचने के लिए, अपराधियों ने 'दीपक सिंह' जैसे नकली नामों और जाली पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए बार-बार अपना ठिकाना बदलते रहे।

ईडी ने झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में पुलिस अधिकारियों द्वारा कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ जनता को धोखा देने के लिए दर्ज की गई कई फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी।

ईडी ने इस मामले में पहले 16 सितंबर और 3 दिसंबर को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, वैशाली (बिहार), मेरठ, रांची और देहरादून में कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया था। यह तलाशी पीएमएलए, 2002 की धारा 17 के प्रावधानों के तहत की गई थी।

तलाशी अभियान के दौरान ईडी ने नकली पहचान पत्र, हाथ से लिखे नोट्स और डायरी जिसमें महत्वपूर्ण वित्तीय और नकद लेनदेन का विवरण था, 10 लाख रुपए से अधिक नकद, सहयोगियों का विवरण, विभिन्न संस्थाओं की चेक बुक, लैपटॉप और मोबाइल फोन के रूप में डिजिटल सबूत, यूएसडीटी 15,000 की क्रिप्टोकरेंसी और बड़ी संख्या में रियल एस्टेट संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज और समझौते बरामद और जब्त किए।

आरोपी चंदर भूषण सिंह को विशेष न्यायालय रांची (पीएमएलए) द्वारा 5 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया है।

Point of View

NationPress
17/12/2025

Frequently Asked Questions

मैक्सिजोन टच क्या है?
मैक्सिजोन टच एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है जो मल्टी-लेवल मार्केटिंग योजना चलाती थी।
ईडी ने आरोपियों को कब गिरफ्तार किया?
ईडी ने 16 दिसंबर को आरोपियों को गिरफ्तार किया।
इस घोटाले में कितनी राशि शामिल है?
इस घोटाले में 307 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।
जांच में क्या पाया गया?
जांच में पाया गया कि आरोपियों ने अवैध धन को वैध करने के लिए कई जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
ईडी ने कितनी संपत्तियां जब्त कीं?
ईडी ने इस मामले में कई रियल एस्टेट संपत्तियां और अन्य डिजिटल सबूतों को जब्त किया।
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