क्या फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर है?

सारांश
Key Takeaways
- गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर है।
- 100 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
- राजेपुर कस्बा सबसे अधिक प्रभावित है।
- बिजली की आपूर्ति ठप है।
- स्थानीय व्यापारियों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है।
फर्रुखाबाद, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर 137.50 मीटर पर पहुँच गया है। जिले के लगभग 100 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र अमृतपुर का राजेपुर कस्बा है, जहाँ मुख्य बाजार में 2 फीट तक पानी भर गया है। पिछले चार दिनों से लगभग 200 दुकानों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है, जिससे व्यापारियों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। स्थानीय लोग और व्यापारी बाढ़ से परेशान हैं, क्योंकि रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी उन्हें बाढ़ के पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।
राजेपुर के मुख्य बाजार में सड़कों पर घुटनों तक पानी बह रहा है। राजेपुर तिराहे से फर्रुखाबाद, बदायूं और डबरी जाने वाले मार्गों पर भी पानी की तेज धार है। सड़कों पर गड्ढों के कारण बाइक सवारों के गिरने का खतरा बना हुआ है। राजेपुर थाने के अंदर भी पानी घुस गया है, जिससे पुलिस प्रशासन को भी परेशानी हो रही है। कस्बे के दुर्गा मंदिर के पास पानी की तेज धार बह रही है, जहाँ लोग एक-दूसरे का हाथ पकड़कर सावधानी से निकल रहे हैं।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली की समस्या विकराल हो गई है। राजेपुर और आसपास के गांवों में कई दिनों से बिजली आपूर्ति ठप है, जिसके कारण लोग मोबाइल चार्ज करने तक में असमर्थ हैं। मोबाइल नेटवर्क की कमी ने संचार को और कठिन बना दिया है।
स्थानीय निवासी पवन सिंह ने बताया कि कस्बे की 200 से अधिक दुकानें प्रभावित हैं और कई दुकानों में पानी घुसने से सामान खराब हो गया है।
किराना दुकानदार मनोज कुमार ने कहा कि बाढ़ के कारण ग्राहक नहीं आ पा रहे, जिससे व्यापार पूरी तरह ठप है। दुकानदारों का अनुमान है कि प्रतिदिन 10 से 12 लाख रुपये का व्यापारिक नुकसान हो रहा है।
ग्राम चित्रकूट के बुद्धपाल ने बताया कि उनके गांव में कमर से ऊपर पानी भरा है। फर्रुखाबाद-बदायूं मार्ग पर चित्रकूट डिप के ऊपर पानी की तेज धार के कारण यातायात बंद है। बिजली न होने से मोबाइल चार्जिंग के लिए बैटरी वाले चार्जर खरीदने पड़ रहे हैं। ग्रामीण शिवशरण ने कहा कि गांव से निकलना मुश्किल है और बाजार में भी पानी भरा होने से जरूरी सामान खरीदना चुनौतीपूर्ण हो गया है। बाढ़ के पानी के कारण बीमारियों का डर भी सता रहा है।
वहीं, रानीपुर के अशोक नगर मोहल्ले में स्थिति और गंभीर है। कई परिवार छतों पर पन्नी डालकर रहने को मजबूर हैं। स्थानीय महिलाओं ने बताया कि घरों के चारों ओर तेज धार वाला पानी बह रहा है, जिससे छोटे बच्चों को बाहर निकालना खतरनाक है। जरूरी सामान लाने के लिए पुरुषों को जोखिम उठाकर बाजार जाना पड़ता है। लोगों ने शिकायत की कि प्रशासन की ओर से कोई मदद या निरीक्षण नहीं हुआ है।
स्थानीय व्यापारियों और निवासियों ने प्रशासन से तत्काल राहत और बचाव उपायों की मांग की है। बाढ़ के पानी को निकालने और प्रभावित क्षेत्रों में बिजली बहाल करने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है। अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो व्यापार और जनजीवन पर और गंभीर असर पड़ सकता है।