क्या नोएडा में फर्जी शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से 3 करोड़ की ठगी हुई?

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क्या नोएडा में फर्जी शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से 3 करोड़ की ठगी हुई?

सारांश

नोएडा की साइबर क्राइम पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो कि फर्जी शेयर मार्केट प्लेटफॉर्म के जरिए 3 करोड़ रुपए की ठगी में शामिल था। जानिए इस मामले की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।

Key Takeaways

  • फर्जी शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से सावधान रहें।
  • सेबी की वेबसाइट पर जानकारी अवश्य जांचें।
  • अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से बचें।
  • साइबर अपराध की रिपोर्ट तुरंत पुलिस को करें।
  • विश्वसनीय स्रोतों से ही निवेश करें।

नोएडा, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा की साइबर क्राइम पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो कि फर्जी शेयर मार्केट प्लेटफॉर्म के माध्यम से निवेश के नाम पर लगभग 3 करोड़ रुपए की ठगी में संलग्न था। गिरफ्तार आरोपी का नाम आमेंद्र शाक्य है, जो कि ग्राम डौरी नरोत्तमपुर, थाना सिविल लाइन, बदायूं का निवासी है (उम्र 20 वर्ष)।

पुलिस ने आरोपी को गुरुवार को एक विशेष सूचना के आधार पर जिला बदायूं से गिरफ्तार किया। इससे पहले, तेजपाल और रुपेंद्र नामक दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपियों ने फेसबुक के माध्यम से पीड़ित को फंसाया। यह मामला तब उजागर हुआ जब पीड़ित ने 20 नवंबर को नोएडा साइबर क्राइम थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत में कहा गया है कि एक महिला ने फेसबुक पर दोस्ती कर पीड़ित का विश्वास जीता और एक फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म पर अधिक मुनाफे का लालच देकर विभिन्न खातों में लगभग 3 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवा लिए। जैसे ही पुलिस ने शिकायत प्राप्त की, उन्होंने जल्दी से संदिग्ध खातों को फ्रीज कर दिया।

पूछताछ में आमेंद्र शाक्य ने बताया कि उसके पड़ोसी तेजपाल ने उसे करंट बैंक अकाउंट उपलब्ध कराने के बदले कमीशन का लालच दिया। इसी लालच में आकर उसने अपने दस्तावेज प्रस्तुत किए और एक जीएसटी फर्म बनाई। इसके बाद, उसने बैंक ऑफ बड़ौदा में करंट खाता खोला और तेजपाल तथा रुपेंद्र के साथ मुंबई गया, जहाँ उसे खाता खोलने के लिए 1 लाख रुपए दिए गए। जांच में पता चला कि इस खाते में लगभग 1 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ है।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि संबंधित खाते से जुड़े मामलों में एनसीआरपी पोर्टल पर उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में कुल पांच शिकायतें दर्ज हैं। पुलिस ने अभियुक्त के पास से एक टेक्नो कंपनी का मोबाइल फोन भी बरामद किया है। साइबर क्राइम पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गए निवेश से संबंधित ई-मेल या लिंक पर बिना जांच क्लिक न करें।

निवेश करने से पहले सेबी की आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी अवश्य जांचें। अज्ञात टेलीग्राम या व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ने से बचें और शेयर ट्रेडिंग या आईपीओ में निवेश केवल बैंक या विश्वसनीय डीमैट सेवा प्रदाताओं के माध्यम से करें।

Point of View

जिसमें युवा वर्ग को लक्षित किया गया है। साइबर अपराधियों के इस गिरोह ने न केवल आर्थिक नुकसान पहुँचाया, बल्कि लोगों के विश्वास को भी तोड़ा है। हमें सावधान रहना चाहिए और निवेश से पहले पूरी जानकारी अवश्य लेनी चाहिए।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

फर्जी शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म क्या है?
फर्जी शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म वे प्लेटफॉर्म होते हैं जो निवेशकों को अधिक मुनाफे का लालच देकर धोखा देते हैं।
इस मामले में पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया और संदिग्ध खातों को फ्रीज किया।
निवेश करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
निवेश से पहले हमेशा सेबी की आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी जांचें और अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें।
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