क्या इलायची गले की खराश और मुंह के छालों से राहत दिला सकती है?
सारांश
Key Takeaways
- इलायची में औषधीय गुण होते हैं।
- यह गले की खराश और मुंह के छालों के लिए लाभदायक है।
- हिचकी को रोकने में मदद करती है।
- सामान्य बीमारियों में रामबाण उपाय है।
- दांतों और मुँह की स्वास्थ्य में सुधार करती है।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रसोई में पाई जाने वाली इलायची को आयुर्वेद में औषधीय गुणों का अद्भुत स्रोत माना जाता है। यह न केवल स्वाद और सुगंध के लिए जानी जाती है, बल्कि स्वास्थ्य को भी बनाए रखने में सहायक होती है।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय इलायची के लाभों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। नियमित रूप से इलायची का सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिला सकता है। यह सामान्य बीमारियों में एक रामबाण उपाय की तरह कार्य करती है। इसके सेवन से अपच की समस्या समाप्त होती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, भोजन के बाद एक इलायची मुंह में रखने से पेट में बनने वाली हाइपर एसिडिटी नियंत्रित होती है। इससे खट्टी डकारें, जलन और सीने में भारीपन मिटता है।
अपच के साथ-साथ यह मुंह की समस्याओं को हल करने में भी मददगार है। यदि गले में खराश, खांसी या आवाज बैठ गई हो तो भी इलायची असरदार होती है। मात्र 1-2 इलायची को चबाने से उसका रस गले के माध्यम से नीचे उतरता है और कुछ ही समय में राहत मिलती है। मुंह में छाले होने पर, इलायची को मिश्री के साथ मिलाकर चबाने से छाले जल्दी ठीक होते हैं और दर्द में तुरंत राहत मिलती है।
क्या आपको हिचकी की समस्या है? तो बस एक इलायची मुंह में रखें या उसके पाउडर को पानी के साथ लें, हिचकी तुरंत बंद हो जाती है। साथ ही, इलायची मुंह के बैक्टीरिया और संक्रमण को भी समाप्त करती है। भोजन के बाद इलायची चबाने से मुंह से दुर्गंध नहीं आती और दांत भी स्वस्थ रहते हैं।
इलायची में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और संक्रमण को कम करते हैं। इसे चाय में डालकर, दूध में उबालकर या सीधे चबाकर सेवन किया जा सकता है। यह छोटी सी आदत पेट, गला और मुंह की कई समस्याओं को जड़ से समाप्त करती है।