क्या गाजियाबाद में सीबीआई अकादमी में विदेशी पुलिस अधिकारियों को विदेश में जांच की बारीकियां सिखाई गईं?

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क्या गाजियाबाद में सीबीआई अकादमी में विदेशी पुलिस अधिकारियों को विदेश में जांच की बारीकियां सिखाई गईं?

सारांश

गाजियाबाद स्थित सीबीआई अकादमी में विदेशी पुलिस अधिकारियों के लिए एक विशेष कोर्स आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में 14 देशों के 23 पुलिस अधिकारी शामिल हुए और उन्हें विदेशों में अपराध की जांच की बारीकियां सिखाई गईं। जानिए इस प्रयास का क्या महत्व है।

Key Takeaways

  • सीबीआई द्वारा आयोजित कोर्स से विदेशी पुलिस अधिकारियों को नई तकनीकों की जानकारी मिली।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए यह पहल महत्वपूर्ण है।
  • प्रशिक्षण में असली केस स्टडीज़ शामिल थीं।
  • विदेशी पुलिस अधिकारियों को सॉफ्ट पावर के माध्यम से भारत का विश्वास बढ़ाने का अवसर मिला।
  • यह कोर्स भारत की ग्लोबल साक्षरता में योगदान कर रहा है।

गाजियाबाद, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने विदेशों में अपराध की जांच करने की तकनीकों को सिखाने के लिए एक विशेष कोर्स की शुरुआत की है। गाजियाबाद स्थित सीबीआई अकादमी में 26 नवंबर से 2 दिसंबर तक आयोजित इस सात दिन के प्रशिक्षण में 14 देशों के 23 पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।

नेपाल, मलेशिया, मिस्र, जिम्बाब्वे, फिजी, भूटान, मालदीव, थाईलैंड, मंगोलिया, तंजानिया, केन्या, लाइबेरिया, घाना और वियतनाम से आए इन अधिकारियों को सीबीआई के विशेषज्ञों ने बताया कि सीमा पार के अपराधों जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, साइबर क्राइम, ड्रग तस्करी और आतंकवाद की जांच में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उन्हें कैसे सुलझाना है।

इस कोर्स का उद्घाटन 26 नवंबर को सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक एन. वेणुगोपाल ने किया था। उन्होंने सभी विदेशी अधिकारियों से मुलाकात की और कहा, “आज अपराध की कोई सीमा नहीं रही। एक देश में बैठे अपराधी दूसरे देश में धन छिपा देते हैं। ऐसे मामलों में एक-दूसरे के साथ तालमेल और सही तकनीक ही काम आती है।”

विदेश मंत्रालय की आईटीईसी (इंडियन टेक्निकल एंड इकॉनॉमिक कोऑपरेशन) योजना के तहत हर वर्ष सीबीआई अकादमी ऐसे कोर्स आयोजित करती है। इसका उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि वास्तविक केस स्टडीज, प्रैक्टिकल एक्सरसाइज और इंटरपोल-लेटर रोगेटरी जैसे कानूनी उपकरणों की ट्रेनिंग देना है, ताकि विदेशी पुलिस अधिकारी अपने देश लौटकर भारत के साथ मिलकर अपराधियों पर नकेल कस सकें।

एक सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “पिछले कुछ वर्षों में भारत से कई बड़े भगोड़े विदेश भाग चुके हैं। ऐसे मामलों में विदेशी पुलिस की मदद बहुत आवश्यक है। यह कोर्स उसी सहयोग को मजबूत करने का माध्यम है।”

सात दिन तक चले इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों ने न केवल क्लासरूम सेशन किए, बल्कि सीबीआई की लैब भी देखी और असली केस फाइलों पर चर्चा की। कोर्स समाप्त होने पर सभी अधिकारियों को सर्टिफिकेट दिए गए।

विदेश मंत्रालय की इस पहल से भारत की सॉफ्ट पावर भी बढ़ रही है और दुनियाभर की पुलिस एजेंसियों के साथ उसका भरोसा गहरा हो रहा है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि इस तरह के समर्पित प्रयासों से भारत की अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग में वृद्धि हो रही है। सीबीआई का यह कोर्स न केवल विदेशी पुलिस अधिकारियों को ज्ञान प्रदान कर रहा है, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

इस कोर्स का उद्देश्य क्या है?
इस कोर्स का उद्देश्य विदेशी पुलिस अधिकारियों को विदेशों में अपराध की जांच करने की तकनीकें सिखाना है।
कितने देशों के पुलिस अधिकारी इस कोर्स में शामिल हुए?
इस कोर्स में 14 देशों के 23 पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।
इस कोर्स का उद्घाटन किसने किया?
इस कोर्स का उद्घाटन सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक एन. वेणुगोपाल ने किया।
इस कोर्स में क्या सिखाया गया?
इस कोर्स में मनी लॉन्ड्रिंग, साइबर क्राइम, ड्रग तस्करी और आतंकवाद जैसी जांच की तकनीकें सिखाई गईं।
क्या इस कोर्स में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी गई?
हाँ, इस कोर्स में असली केस फाइलों पर चर्चा और सीबीआई की लैब का दौरा भी शामिल था।
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